NOW HINDUSTAN. कोरबा/कटघोरा:- एक ओर सरकार द्वारा पंचायतों में सरकारी पैसे के गबन को रोकने और पंचायती कार्य मे पारदर्शिता लाने ऑनलाइन और पोर्टल किया गया है, ताकि इसके जरिये सब देख सकें कि क्या- क्या कार्य पंचायत की ओर से हुए, कितना कार्य हुआ, क्या सही क्या गलत। लेकिन इस प्रयास के बावजूद भी कुछ पंचायत के जिम्मेदार बने भ्रष्ट्रसुरो द्वारा निर्माण व बुनियादी कार्यों के नाम पर फर्जी बिल लगाकर मनमाने घोटाला करते हुए आर्थिक गड़बड़ी करने से बाज नही आ रहे। मोहनपुर सरपंच सचिव ने भी भ्रष्ट्राचार की हदें पार कर बिना काम कराए फर्जी प्रस्ताव व बिल से पंचायत निधि के खाते से लाखों निकाल हजम कर गए।
जिले के कटघोरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहनपुर के सरपंच और सचिव द्वारा मिलीभगत से निर्माण/विकास कार्यों के लिए पंचायत के विभिन्न मदो से लाखों की राशि आहरण कर लिए गए है जबकि गांव में अधिकतर कार्य कराया ही नही गया। अनेको कार्य कागजों में पूर्ण बताकर मूलभूत व 14वें, 15वें वित्त आयोग मद से मनमाने राशि निकाल निजी हित मे उपयोग किया गया है। इस पंचायत के आश्रित आछीदादर ग्राम में निवासरत दयाराम घर से राखी घर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 1 लाख 17 हजार 300 रुपए की राशि डेढ़ वर्ष पूर्व 15वें वित्त से आहरण कर लिया लेकिन मौके पर कोई काम नही कराया गया। जिसे खबर के माध्यम से गत दिनों उजागर किया गया था। इसी प्रकार के एक और कारनामे का मामला सामने आया है, जिसमे सरपंच सचिव ने मिलकर मंच निर्माण की राशि डकार ली। आछीदादर में शिव सिंह घर के पास मंच निर्माण के लिए 1.34 लाख रुपए की राशि 15वें वित्त से निकाली गई है। जिसके रिचार्ज बाउचर की तिथि के अनुसार 4 मई 2022 को 80 हजार एवं 13 जनवरी 2023 को 54 हजार की राशि आहरण का ऑनलाइन सिस्टम में उल्लेख है, जबकि मौके पर मंच निर्माण कार्य का एक कालम भी खड़ा नही पाया गया और महज एक ट्रैक्टर गिट्टी पड़ा हुआ देखने को मिला। वहीं ग्रामीणों से मंच निर्माण की जानकारी लेने पर वहां उपस्थित बुधवार सिंह व राजकुमार ने बताया कि मंच निर्माण के लिए एक वर्ष पूर्व ट्रेक्टर से गिट्टी लाकर गिराया तो गया है लेकिन कोई निर्माण कार्य नही कराया गया है। पूछने पर सरपंच सचिव का कहना है कि अभी पैसा नही आया है इसलिए मंच निर्माण का काम प्रारंभ नही हो पाया है। यहां अन्य ग्रामीणों का कहना है कि जब काम ही नही हुआ है तो पंचायत खाते से इतनी बड़ी राशि कैसे निकाली गई। सरपंच सचिव द्वारा राशि आहरण के बाद सही उपयोग न करके गबन किया जा रहा है। जो जांच का विषय है।