सी-विजिल ऐप से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की आमनागरिक कर सकते हैं शिकायत…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN  भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन उपलब्ध कराया गया है। सी-वीजिल का अर्थ सिटिजन वीजिलेंस यानि नागरिकों की सतर्कता है। सी-विजिल के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की कुशलतापूर्वक त्वरित रिपोर्ट प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की गतिविधि को रोकने में मदद मिलती है और निर्वाचन प्रक्रिया पारदर्शी एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है। सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर एवं एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप्लीकेशन नागरिक जुड़ाव और प्रवर्तन प्रक्रिया में भागीदारी को बढ़ावा देता है। निर्वाचन को ठीक से संचालित करने के लिए विश्वास-आधारित साझेदारी की आवश्यकता है और यह मोबाइल एप्लीकेशन जागरूकता, विश्वास और आत्मविश्वास पैदा कर उस साझेदारी को सुगम बनाने में सहायक सिद्ध होता है। कलेक्टर ने जिले के सभी नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर्स सहित अन्य अधिकारियों को सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं।

सी-विजिल मोबाईल ऐप्लीकेशन निर्वाचन सीमा के भीतर प्रत्येक नागरिक को आवेदन में साइन-इन करके अपने मोबाइल फोन के माध्यम से फोटो, ऑडियो, वीडियो लेकर आदर्श आचार संहिता व व्यय उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। ऐप नागरिकों को उनके व्यक्तिगत विवरण पहचान का खुलासा किए बिना गुमनाम रूप से शिकायत करने की भी अनुमति देता है। जब उपयोगकर्ता उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए सी-विजिल में अपने कैमरे को चालू करते हैं, तो ऐप स्वचालित रूप से एक जियो-टैगिंग सुविधा को सक्षम करता है, जिससे फील्ड यूनिट की घटना के सटीक स्थान को जानने में मदद मिलती है। ऐप सभी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन व शिकायतों तक पहुंच सकता है और रीयल-टाइम प्रगति की जांच कर सकता है। फील्ड यूनिट द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद निर्णयकर्ता व रिटर्निंग अधिकारी सी-विजिल मामलों पर ड्रॉप, डिसाइड और एस्केलेट जैसी कार्रवाई कर सकते हैं।
इसी तरह सभी विभाग प्रमुखों, उच्च शैक्षणिक संस्था के प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि सी-विजिल के संबंध में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों, राजनैतिक दलों, आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों, खेल संगठनों को इसके प्रयोग के संबंध में प्रशिक्षण देकर जागरूक किया जाए।

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