NOW HINDUSTAN. कोरबा जिले में लगातार हो रही बारिश से बिजली की मांग में गिरावट आई है। मांग की कमी को देखते हुए संयंत्रों की इकाइयों को रखरखाव के लिए बंद किया जा रहा है। एचटीपीपी में एक इकाई के रखरखाव का कार्य पूरा होने के बाद अब डीएसपीएम की यूनिट क्रमांक 2 को 30 दिनों के लिए बंद किया गया है। इस दरम्यान यूनिट के रखरखाव का काम किया जाएगा। प्रदेश में बिजली की मांग में गिरावट दर्ज की गई है। लगातार हो रही बारिश से कृषि के लिए सिंचाई की जरूरत कम हो गई है।
तापमान में भी गिरावट के कारण बिजली की मांग घट गई है।
लगभग दो हजार मेगावाट की गिरावट आई है। जिसे देखते हुए राज्य उत्पादन कंपनी के संयंत्रों पर से दवाव कम हो गया है। कंपनी की बुधवारी स्थित डीएसपीएम संयंत्र में 250-250 मेगावाट की दो इकाई है। यहां यूनिट क्रमांक 2 को रखरखाव के लिए बंद कर दिया गया है। रविवार को एक इकाई से 234 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। वहीं इससे पूर्व कोरबा-पश्चिम स्थित एचटीपीपी संयंत्र की इकाई क्रमांक एक को रखरखाव के लिए बंद रखा गया था। जिसके उत्पादन में आने के बाद डीएसपीएम में एक इकाई को बंद कर दिया गया है। हालांकि एचटीपीपी को इकाई क्रमांक एक और तीन तकनीकी वजहों से अब भी बंद है।
मड़वा संयंत्र में 800 मेगावाट से अधिक बिजली बन रही है। मांग में बनी हुई है कमी बिजली की मांग में लगातार कमी आ रही है। बिजली की मांग पिक लोड अवर में 3500 मेगावाट रह रही है। इससे पूर्व उमस भरी गर्मी के दौरान इस बार बिजली की अधिकतम मांग 5600 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इस लिहाज से बिजली की मांग में लगभग दो हजार मेगावाट तक की कमी आई है। मांग में कमी आने से सीजी सेंट्रल सेक्टर में भी कम बिजली लेनी पड़ रही है। रविवार को 1854 मेगावाट सेंट्रल सेक्टर से ली जा रही है।