NOW HINDUSTAN. Korba. भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने गर्व के साथ घोषणा की है कि जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने कंपनी की पहल की वजह से 7 नौजवान तीरंदाज़ों (जिनमें से पांच लड़कियां शामिल हैं) ने प्रतिष्ठित 68वीं राष्ट्रीय स्तर स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) चैम्पियनशिप के लिए क्वालिफाइ किया है, गुजरात खेल प्राधिकरण इसकी मेजबानी करेगा। यह उपलब्धि दर्शाती है कि कंपनी स्थानीय समुदायों से युवा प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें वह कौशल एवं मदद मुहैया करा रही है जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक है।
2018 में शुरु हुए वेदांता के स्पोर्ट्स इनिशिएटिव ने ओडिशा के कालाहांडी जिले में वंचित समुदायों के नौजवान खिलाड़ियों को तीरंदाज़ी व अन्य खेलों का सम्पूर्ण प्रशिक्षण दिया है। यह कार्यक्रम न केवल दृढ़ कोचिंग प्रदान करता है बल्कि यूनिफॉर्म, खेल उपकरण और विशेषज्ञों की अगुआई में कोचिंग कैंप जैसी जरूरी चीज़ों/सुविधाओं तक पहुंच भी सुनिश्चित करता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 100 से ज्यादा तीरंदाज़ों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से कईयों ने राज्य एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, और बीते साल में कुल 40 पदक जीते हैं। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों में लगभग 50 प्रतिशत लड़कियां हैं, यह आंकड़ा दिखाता है कि वेदांता कार्यस्थल के साथ-साथ सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है।
एसजीएफआई चैम्पियनशिप स्कूल खेलों के स्तर पर भारत के सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक है जिसका लक्ष्य नौजवान खिलाड़ियों में शारीरिक फिटनेस, टीम वर्क और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन देना है।
युवा प्रतिभाओं को सहयोग देने में कम्पनी के समर्पण को दोहराते हुए वेदांता एल्यूमिनियम के सीओओ सुनील गुप्ता ने कहा हैं की “ग्रासरूट स्पोर्ट्स के लिए हमारी प्रतिबद्धता ऐथलेटिक कौशल विकसित करने में भी आगे तक जाती हैं, हमारा ध्येय यह है की इन बच्चों को एक बेहतरीन व्यक्ति का आकार देना जो आवश्यक जीवन कौशलों से युक्त हो। जमीनी स्तर के कार्यक्रमों में निवेश कर के वेदांता एल्यूमिनियम न केवल समुदायों के भीतर खेलों की बुनियाद को मजबूत बनाती है बल्कि समावेशन एवं अवसर की संस्कृति को भी पोषित करती है जिससे स्थानीय युवा अपनी क्षमताओं को पहचान पाते हैं और उनके लिए संभावनाओं के द्वार खुलते हैं।”
तीरंदाज़ी के कोच सीमांचल माझी ने कहा हैं की “मुझे बहुत खुशी है कि हमारे विद्यार्थियों ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने अभ्यास सत्र में बहुत लगन से अभ्यास किया, खेल ईकोसिस्टम मजबूत है जो खिलाड़ियों को उपकरण, उन्नत कोचिंग और विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के मौके मुहैया कराता है। इससे इन विद्यार्थियों को बहुत मदद मिली है जो वंचित इलाकों से आते हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, जिसका नतीजा इस असाधारण परफॉरमेंस के रूप में देखने को मिला है।”
वेदांता एल्यूमिनियम नौजवान प्रतिभाओं को विकसित करने में विश्वास करती है, विशेषकर उन्हें जो वंचित समुदायों से आते हैं। कम्पनी ने पूरे ओडिशा राज्य में खेल कार्यक्रम चलाए हैं जिनके माध्यम से 500 से ज्यादा युवाओं को तीरंदाज़ी, हॉकी, कराटे व फुटबॉल जैसे खेलों में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त, वेदांता एल्यूमिनियम ने विभिन्न सामाजिक प्रभाव कार्यक्रम लागू करके 500 से भी ज्यादा गांवों में सेवाएं दी हैं जिनसे 4.5 लाख ग्रामीणों को फायदा हुआ है। इन कार्यक्रमों के तहत आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य व इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रासरूट स्पोर्ट्स व संस्कृति जैसे पहलुओं पर काम किया गया है। अपने फ्लैगशिप प्रोजेक्ट नंद घर के तहत महिला व बाल विकास हेतु कंपनी ने ओडिशा में तकरीबन 531 नंद घर स्थापित किए हैं जो कि आंगनवाड़ियों का उन्नत रूप हैं।