अंतर्राष्टीय महिला दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता का कार्यक्रम का आयोजन……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
4 Min Read

NOW HINDUSTAN. Korba. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 08 मार्च 2025 को अंतर्राष्टीय महिला दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा एवं जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के संयुक्त तत्वाधान में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मान. श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा सभी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दिया गया। अपने उद्बोधन में कहा गया कि आज कि स्थिति में महिला पुरूषों के समान तथा कुछ क्षेत्रों में पुरूषों से भी अग्रणी स्थान में है, हमारे जिले में लगभग 70 प्रतिशत महिलाआएं जज है, आज की स्थिति में महिला हर क्षेत्र में पुरूष से आगे है। मान. जयदीप गर्ग विशेष न्यायाधीश कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि हम लड़कियों को लड़का क्योे बनना है नारी के अधिकार को खतरा सबसे अधिक नारी से ही होती है, यह माता की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने बेटे को महिलाओ का सम्मान करना सीखाये,

श्रीमती गरिमा शर्मा प्रथम जिला अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा ने कहा कि मुझे कभी भी नहीं लगा की अगले जन्म में मै लड़का के रूप में जन्म लूंू। हमारे जीवन में हर दिन चुनौती है, उस चुनौती का हम मजे भी लेते है बस हमको दो-तीन चीजांें का ख्याल रखना होता है हम हर दिन एक पड़ाव में पहुंचने है, हर पड़ाव हमारे लिये मंजिल है और हर पड़ाव के आगे हमे नये मंजिल तय करनी होती है उस पड़ाव पर पहुंच कर देखे कि कौन हमारे साथ चला था जो छूट गया है, जो छूट गया है उसे साथ लेकर चलना है, हर व्यक्ति हमारे प्रभाव में आये उसे सहज महसूस कराये। पुरूष से समानता के चक्कर में महिला सुलभ के गुण को मत छोड़े। हम जिस गुण के साथ इस धरती पर भेजे गये है उन पर अंत कर बने रहना चाहिये। जो भी काम आपको दिया जाये उसे 100 प्रतिशत दें इससे आपको सफलता अवश्य ही मिलेगी। डॉ. भोजवानी, जिला अपर सत्र न्यायाधीश, पॉक्सों न्यायालय कोरबा, प्रकृति और नारी एक पेटिंग में बना हुआ था कलाकार के द्वारा नारी और प्रकृति को तुलना की गई थी। नारी और प्रकृति में सहनशीलता होती है, नारी और प्रकृति एक निश्चित सीमा तक सहती है जब सहने की क्षमता पार हो जाती है तो वह देखे जाने लायक नहीं होता है।

उक्त अवसर पर जिला अपर सत्रा न्यायाधीश श्री सुनील कुमार नन्दे, सीमा प्रताप चन्द्रा, मुख्य न्यायिक मजि. श्री शीलू सिंह, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी प्रतिक्षा अग्रवाल, श्री मंजीत जांगडे, श्री मती ऋचा यादव, श्री गणेश कुलदीप अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ कोरबा, श्रीमती शिव कंवर, महिला उपाध्यक्ष, एवं अधिवक्ता एवं न्यायलयीन कर्मचारीगण उपस्थित थे। कु. डिम्पल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा विधिक जागरूकता शिविर का मंच संचालन एवं अंत में आभार प्रदर्शन किया गया।

Share this Article