कोल इंडिया की कमेटी में सांसद श्रीमती ज्योस्ना महंत ने कोयले की खदानों एवं उससे जुड़े समस्याओं को उठाया प्रमुखता से……..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
2 Min Read

NOW HINDUSTAN. Korba. कोल इंडिया की कमेटी में सांसद श्रीमती ज्योस्ना महंत के द्वारा कोरबा जिले की कोयले की खदानों एवं उससे जुड़े समस्याओं को प्रमुखता से तल्ख लहजे में उठाया गया। जिसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, सड़क, पानी, बिजली, प्रदूषण, पौधारोपण आदि शामिल थे। उन्होंने कहा कि कोयला खदानों से प्रभावित लोगों को न तो नौकरी मिल पा रही है न ही मुआवजा और बसाहट मिल रही हैं। केवल कागजों में खानापूर्ति की जा रही है। आज तक कई भू-स्थापित ग्रामो में एसईसीएल ने क्या किया, इसकी कोई सूची उपलब्ध नही कराई गई है।

- Advertisement -

उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा की वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन मौके धरातल पर ऐसी कोई बात नहीं दिखती हैं। प्रदूषण खास तौर से गेवरा, दीपका, कुसमुंडा क्षेत्र में अपना पैर पसार चुका है, लेकिन एसईसीएल प्रबन्धन द्वारा इसमें कोई ध्यान नहीं दिया जाता। प्रदूषण से नाना प्रकार की बीमारी से लोग त्रस्त हैं।

एसईसीसीएल चिकित्सालय का आलम ये है कि वहां कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है, जबकि करोड़ों रुपये का फंड एसईसीएल के पास है। सांसद श्रीमती ज्योस्ना महंत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोयला खदानों का विस्तार दिन प्रतिदिन होता जा रहा है। लेकिन सुविधाओं के नाम से आज भी वहां के ग्रामीण वंचित हैं। कोरबा, बांकीमोंगरा, दीपका, कोरबा के अस्पतालों को हाइटेक किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे कहा की विगत दिनों कुसमुंडा क्षेत्र की महिलाएं पीड़ित व दुखी होकर अपनी माँगों को लेकर कुसमुंडा कार्यालय में अर्धनग्न प्रदर्शन किया, जिसके दोषी वहाँ के अधिकारी हैं, उनके ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए। साथ ही किन-किन लोगों को मुआवजा नहीं दिया गया, बसाहट नहीं दिया गया, नौकरी नहीं दी गई, उसे कारण सहित सार्वजनिक किया जाना चाहिए। ग्रामीणों का गुस्सा अपने चरम सीमा पर है। अधिकारी वहां राजनीति कर रहे हैं और टुकड़े-टुकड़े में छोटी-मोटी कार्यवाही कर रहे हैं। एसीसीएल को कैंप लगाकर सभी प्रकरणों का निराकरण करना चाहिए जिससे ग्रामीणों को वस्तु स्थिति की जानकारी मिल सके।

Share this Article