सरस्वती शिशु मंदिर, प्रगति नगर, कोरबा में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस गरिमामय वातावरण एवं देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. सरस्वती शिशु मंदिर, प्रगति नगर, एनटीपीसी कोरबा में आज 79वाँ स्वतंत्रता दिवस गरिमामय वातावरण एवं देशभक्ति की उत्कट भावना के साथ विधिवत् रूप से मनाया गया। प्रातः 7:30 बजे समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष  बुधवार साय यादव, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य  गुणवंत कुम्हारे. प्राचार्य  लक्ष्मी नारायण जायसवाल. प्रधानाचार्य  परस राम देवांगन, द्वारा ध्वजारोहण एवं राष्ट्रगान के सामूहिक गायन से हुआ।

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इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें समूह गीत, प्रेरक भाषण सम्मिलित थे। कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता संग्राम के महत्त्वपूर्ण प्रसंगों का स्मरण करते हुए मुख्य अतिथि श्री बुधवार साय यादव जी ने कहा कि यह दिवस हमें राष्ट्र की अखंडता, एकता एवं प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ करने का अवसर प्रदान करता है।

प्राचार्य  लक्ष्मी नारायण जायसवाल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को अनुशासन, नैतिकता एवं परिश्रम के जीवन मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी तथा कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों एवं अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रतिवर्ष प्रकट होने वाला पावन दिवस, स्वतंत्रता दिवस, भारतीय गणराज्य के गौरवमयी इतिहास का अनन्य प्रतीक है। यह दिवस हमारे राष्ट्र को प्राप्त हुए स्वाधीनता-संग्राम के दिव्य परिणाम का स्मरण कराता है, जब असंख्य वीरों के बलिदान, त्याग एवं अनवरत संघर्ष के फलस्वरूप मातृभूमि पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त हुई। 15 अगस्त 1947 को, जब प्रथम प्रहर में सूर्य की स्वर्णिम किरणें भारतभूमि को आलोकित कर रही थीं, तभी भारत ने शताब्दियों की दासता का परित्याग कर नवजीवन का आलिंगन किया।

यह दिवस हमें न केवल स्वतंत्रता के अमूल्य महत्व का बोध कराता है, अपितु यह भी स्मरण कराता है कि स्वतंत्रता के संरक्षण हेतु सतत् सजगता, अनुशासन एवं एकता आवश्यक है। अतः हमें संकल्प करना चाहिए कि हम राष्ट्र की अखंडता, प्रगति एवं समृद्धि के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहेंगे, जिससे यह स्वतंत्रता सदा अक्षुण्ण रहे।इस अवसर पर विद्यालय के समस्त आचार्य, कर्मचारी उपस्थित रहे.

समारोह का समापन ‘वन्दे मातरम्’ के सामूहिक गायन एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण की शपथ के साथ हुआ।

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