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NOW HINDUSTAN. Korba. छत्तीसगढ़ में बन रहे भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ झाला की शिकायत लगातार सामने आ रही है । कहीं पर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की बातें सामने आ रही हैं तो कहीं जमीन दलाल द्वारा फर्जी तरीके से निर्माण क्षेत्र में आने वाली जमीन के कीमत बढ़ाकर मुआवजा लिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ में सामने आया है। जहां बिलासपुर से रांची के मध्य भारतमाला परियोजना के तहत सड़क गुजरने वाली है।जिसके लिए जमीन के अधिग्रहण का काम चल रहा है । सड़क निर्माण क्षेत्र में मुआवजे को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बड़ा खेल खेला जा रहा है । आम लोगों के साथ अधिकारी मिलकर रातों-रात अधिक मुआवजे के लिए खेती की जमीन पर जगह बड़े-बड़े पोल्ट्री फार्म खोल दिए जा रहे हैं। जिनकी संख्या एक दो नही सैकड़ो के है । ताकि जमीन से मिलने वाले मुआवजा की राशि बड़ सके और जमीन मालिक के साथ ही अधिकारियों को फायदा मिल सके।
जब इस संबंध में धरमजयगढ़ के अनुविभागी दंडाधिकारी से जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है । जबकि उनके द्वारा ही मुआवजे का वितरण किया जाना है। वही दबी जुबान से लोगों का कहना है कि अधिकारी लम्बा कमीशन ले रहे है।
जिस प्रकार से रातों-रात बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फार्म बनाकर मुआवजा की राशि बढ़कर दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है उसे यह समझ में आ रहा है कि धरमजयगढ़ में अधिकारी और जमीन मालिक मिलकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने का प्रयास कर रहे है। सरकार कोई इस ओर ध्यान देते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो मुआवजा का वितरण किया जा रहा है वह सही तरीके से लोगों तक पहुंचे ना कि उन लोगों तक जिन्होंने रातों-रात परियोजना के आने की जानकारी मिलते ही पोल्ट्री फार्म के साथ-साथ बोरिंग और बड़े पौधों का रोपण कर मुआवजे की मांग की है। अगर सही तरीके से जांच होती है तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है । जब जांच करने वाले अधिकारी को कुछ पता ही नही है । फिर काम भगवान भरोसे है।