NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा जिले के ग्राम करमंदी में 29 वन अधिकार पट्टा फर्जी होने की पुष्टि प्रशासनिक जांच उपरांत की गयी हैं। जानकारी के अनुसार कलेक्टर जनदर्शन में हुई शिकायत के बाद कार्यालय सहायक आयुक्त की जांच में इस फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। सभी पीड़ितों को बांटे गए पट्टे कार्यालय सहायक आयुक्त एवं राजस्व विभाग द्वारा जारी नहीं किए गए हैं, लिहाजा वे स्वमेव निरस्त माने जाएंगे। फर्जी पट्टा वितरण के इस गंभीर मामले के उजागर होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
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जानकारी के अनुसार जुलाई माह में आयोजित कलेक्टर जनदर्शन में ग्राम पंचायत करमंदी के ग्रामीणों ने पहुंचकर ग्राम में बड़े पैमाने पर फर्जी वन अधिकार पट्टा जारी होने की शिकायत की थी। छत्तीसगढ़ में वन अधिकार पत्र (पट्टा ) जारी करने से पहले ग्राम सभा अपनी वन अधिकार समिति के माध्यम से दावों का सत्यापन करती है। तत्पश्चात उप विभागीय और जिला स्तरीय समितियों द्वारा इन दावों को सत्यापित किया जाता है और अंततः जिला स्तरीय समिति द्वारा वन अधिकार पत्र जारी किया जाता है। यह प्रक्रिया अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत संचालित होती है। इस तरह प्रारंभिक प्रक्रिया ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के यहाँ से शुरू होती है।
लेकिन आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की ग्राम करमंदी में ग्राम सभा के प्रस्ताव, दावों के सत्यापन के बगैर फर्जी (कूटरचित) तरीके से बड़ी संख्या में वन अधिकार पट्टा जारी कर दिया गया था। जिसकी भनक लगने के बाद ग्रामवासियों ने कलेक्टर के समक्ष इसकी जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग करी गयी थी। 29 जुलाई को कलेक्टर अजीत वसंत ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग और एसडीएम को ग्राम करमंदी में वन अधिकार पट्टा वितरण की आई शिकायत के बाद हुई जांच के आधार पर फर्जी पट्टा पर कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
* 29 वन अधिकार पट्टा पाए गए कूटरचित
कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा प्रकरण की संजीदगी से जांच कराई गई। बयान सहित टीम ने 80 पृष्ठों की जांच प्रतिवेदन एसडीएम कार्यालय को भेजा है। जांच में 29 लोगों के नाम से जारी वन अधिकार पट्टा कूटरचित (फर्जी) पाए गए हैं। काफी हद तक ये फर्जी पट्टे हूबहू ओरिजनल पट्टों जैसे दिख रहे हैं। जिसकी एकबारगी सत्यता की परीक्षण करने में भी चूक हो सकती है।
* 29 लोगों के नाम पर जारी वन अधिकार पट्टा कूटरचित पाए गए : श्रीकांत कसेर, सहायक आयुक्त
आदिवासी विकास विभाग कोरबा के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर ने बताया की 29 लोगों के नाम पर जारी वन अधिकार पट्टा कूटरचित पाए गए हैं। नियमानुसार आगामी कार्यवाही के लिए एसडीएम के यहाँ प्रतिवेदन भेज दिए हैं।आगे भी ऐसे मामलों में पूरी सतर्कता के साथ नजर रखी जाएगी।
* हमारे यहाँ से जारी ही नहीं हुए तो कार्रवाई करना नहीं बनता : एसडीएम सरोज महिलांगे
एसडीएम सरोज महिलांगे ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा की कूटरचित वन अधिकार पट्टा चूंकि हमारे यहाँ से जारी ही नहीं हुए हैं तो किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं बनती। फिर भी जांच प्रतिवेदन आने के बाद विधि सम्मत आवश्यक कार्यवाही करेंगे।