बड़ी खबर: जशपुर में जनसंपर्क विभाग के अधिकारी का पत्रकारों को नोटिस, एक-एक करोड़ हर्जाने की धमकी…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. जशपुर। छत्तीसगढ़ में प्रेस की आज़ादी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जशपुर जिले में जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने स्थानीय पत्रकारों को कानूनी नोटिस थमा दिया है, जिसमें उन्हें मानहानि का मुकदमा दायर करने और एक-एक करोड़ रुपए हर्जाना वसूलने की चेतावनी दी गई है।

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नोटिस के अनुसार, संबंधित अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पत्रकारों द्वारा प्रकाशित समाचार तथ्यहीन, भ्रामक और उनकी छवि धूमिल करने वाले हैं। नोटिस में साफ लिखा गया है कि अगर पत्रकार आगे भी ऐसी रिपोर्टिंग करेंगे तो उनके खिलाफ मानहानि अधिनियम 1867, दंड प्रक्रिया संहिता 1908 तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी ।

इतना ही नहीं, नोटिस में पत्रकारों को यह भी धमकाया गया है कि यदि वे 15 दिनों के भीतर लिखित माफीनामा प्रकाशित नहीं करते हैं, तो उन्हें अदालत में घसीटकर करोड़ों का मुआवजा वसूला जाएगा।

पत्रकारों में आक्रोश

इस नोटिस से स्थानीय मीडिया जगत में आक्रोश फैल गया है। पत्रकारों का कहना है कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने और सच्चाई सामने लाने से रोकने की कोशिश है। उनका कहना है कि सरकारी अधिकारी, जिन पर गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, अब कानूनी दबाव बनाकर पत्रकारों को चुप कराना चाहते हैं।

कानूनी विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जनसंपर्क विभाग का काम मीडिया और जनता के बीच सेतु का है, लेकिन यदि कोई अधिकारी खुद ही मीडिया पर इस तरह से आक्रामक रुख अपनाता है तो यह गंभीर मामला है। कोर्ट में इस तरह के मानहानि के दावे को साबित करना आसान नहीं होगा, क्योंकि पत्रकार यदि सत्य एवं प्रमाणित तथ्यों के आधार पर खबर प्रकाशित करते हैं तो यह उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा है।

अगला कदम?

जिले के पत्रकार अब सामूहिक रूप से इस मुद्दे को पत्रकार संगठनों और राज्यपाल/मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की तैयारी कर रहे हैं। वे इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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