NOW HINDUSTAN. Korba. सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना दीपका खदान क्षेत्र में इस समय हलचल तेज हो गयी है। जानकारी के अनुसार सीबीआई की विशेष टीम पिछले एक सप्ताह से एसईसीएल-दीपका क्षेत्र में मौजूद रहकर अहम दस्तावेजों की गहन छानबीन कर रही है। जांच का केंद्र बिंदु ग्राम मालगांव का जमीन अधिग्रहण है, जिस पर अनियमितताओं की गंभीर शिकायतें दर्ज कराई गई थीं।
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जांच के दायरे में ग्राम हरदीबाजार भी
ग्राम हरदी बाजार जिसे भविष्य में अधिग्रहित किए जाने की प्रक्रिया जारी है, वह भी अब जांच एजेंसी की खास निगरानी में आ गया है। सीबीआई अधिकारियों ने भूमि रिकार्ड, मुआवजा फाइलें, वित्तीय अनुमोदन, नापजोख से जुड़े मूल दस्तावेज, और अधिग्रहण प्रक्रिया से जुड़े प्रेजेंटेशन सहित कई महत्वपूर्ण कागज़ात की विस्तृत जांच कर रही है।
इस मामले में ग्राम मालगांव के ग्रामीणों का कहना है कि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा, प्रक्रिया और पारदर्शिता से जुड़े कई सवाल लंबे समय से उठते रहे हैं। अब सीबीआई की मौजूदगी ने ग्रामो में उम्मीद जगा दी है कि सालों से लंबित सवालों का जवाब अंततः सामने आ सकता है।
प्रशासन की जांच में फर्जी मुआवजे की पहले ही पुष्टि हो चुकी है ।इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन से भी हुई थी। प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीम तैयार की इसकी जांच कराई गई। जांच में फर्जी मुआवजा तैयार करने की पुष्टि हुई थी । पहली जुलाई 2025 को जिला प्रशासन की ओर से जारी एक प्रेस नोट में बताया गया था की छानबीन के दौरान 152 मकान का पता चला जो गांव में नहीं थे। फिर भी इसके लिए गलत तरीके से मुआवजा पात्र बनाया गया। इसका खुलासा होने के बाद कटघोरा के तत्कालीन एसडीएम ने दीपिका के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मुआवजा वितरण पर रोक लगाने की मांग की थी। सारा खेल कागजों में फर्जी मकान दिखाकर सरकारी खजाने से करोड रुपए निकाल लिया जाने का है
बताया जा रहा हैं की सीबीआई की यह पड़ताल लगातार जारी है। जांच का दायरा बढ़ने की पूरी संभावना है, और टीम जल्द ही फिर से दीपका क्षेत्र का दौरा कर सकती है।