NOW HINDUSTAN. Korba. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के सुनालिया रोड कोरबा रेल खंड पर कोरबा के संजय नगर क्षेत्र अंतर्गत रेल अंडरपास का मामला 9 दिन चले अढाई कोस होकर रह गया है। पौने दो साल पहले शुरू हुई इस परियोजना पर अब तक खास प्रगति नहीं हो सकी है। अभी भी टेंडर का पता पता नहीं है लेकिन दावा किया जा रहा है कि जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा। वर्क आर्डर होने के बाद क्लीयरेंस के हिसाब से कामकाज शुरू किया जाएगा।
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छत्तीसगढ़ ब्रिज कॉरपोरेशन को कोरबा में बनने वाले पहले रेल अंडरपास संजय नगर के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। रेलवे और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से मिलकर इस काम को करना तय किया है, इस पर अलग 31 करोड रुपए खर्च होने हैं। इसी में से 9 करोड रुपए की राशि पानी की पाइपलाइन को शिफ्ट करने के लिए रखी गई है, जिसे काफी कम कर लिया गया है। जबकि रेलवे लाइन के नीचे के हिस्से वाला काम बचा हुआ है। ब्रिज कॉरपोरेशन के एक अधिकारी ने बताया कि रेल अंडर पास के लिए टेंडर की प्रक्रिया काफी समय से जारी है और पूरी संभावना है कि अगले कुछ दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ वर्क आर्डर इशू किया जाएगा। इसी आधार पर कामकाज की समय सीमा भी सुनिश्चित की जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि कम से कम 3 वर्ष का समय इस परियोजना को पूरा होने में लगेगा। जानकारी दी गई की एक दो मामले में रेलवे स्तर से अनुमति मिलना बाकी है। ब्रिज कॉरपोरेशन ने बहुत पहले इस बारे में आवेदन देने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया था। सभी संबंधित दस्तावेज रेलवे को उपलब्ध करा दिए गए हैं। कोरबा की सबसे बड़ी समस्या और व्यापक जनहित में इसकी आवश्यकता की पूरी जानकारी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अभी तक मामले में अनुमति देने की जरूरत नहीं समझी है। इस प्रकार से रेलवे के स्तर से अनुमति लंबित है। संजय नगर के प्रस्तावित रेल अंडरपास के आसपास कुछ निर्माण को लेकर संबंधित लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका लगा रखी है जिसका निराकरण बाकी है। इसके होने तक जितने मामले में क्लीयरेंस मिलेगा, उस आधार पर हम काम शुरू करेंगे। अधिकारी ने पूरे भरोसे के साथ कहा कि ब्रिज कॉरपोरेशन कोरबा के पहले रेल अंडरपास का काम वर्ष 2025 में शुरू कर देगा।
प्रभावितों को बांटा 3 करोड़ का मुआवजा
संजय नगर रेल अंडरपास के प्रस्तावित निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत बहुत सारे अतिक्रमण प्रशासन के द्वारा इस वर्ष हटाए गए। इस तरह के 91 मामलों में संबंधित लोगों को 3 करोड रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। कुछ मामलों को लेकर पेंच फंसा हुआ है जिसे दूर करने की कवायद की जा रही है।