48 घंटे भूख हड़ताल पश्चात कार्य पर लौटे लोको-पायलट…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले लोको पायलटों ने 48 घंटे की भूख हड़ताल पश्चात कार्य पर वापसी की है। हालांकि, उन्होंने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है। लोको पायलटों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, लेकिन उनके भत्ते नहीं बढ़ाए गए है।

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उनकी प्रमुख मांगों में लोकोमोटिव में शौचालय की सुविधा का अभाव भी शामिल है, जिससे विशेषकर महिला लोको पायलटों को परेशानी होती है। इसके अलावा पर्याप्त आराम न मिलने से ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा पर भी असर पड़ने का दावा किया गया है।
लोको पायलटों की अन्य मांगों में 1 जनवरी 2024 से किलोमीटर भत्ता और टीए में 25% की बढ़ोतरी और एरियर का भुगतान शामिल है। वे किलोमीटर भत्ते के 70% हिस्से को आयकर से छूट देने और 10 हजार की सीमा हटाने की भी मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, रनिंग स्टाफ को साप्ताहिक 46 घंटे का आराम, हादसों की स्थिति में ‘रिमूवल फ्रॉम सर्विस’ की सजा खत्म करने और ड्यूटी का अधिकतम समय 8 घंटे तय करने की मांग भी की गई है।

कोरबा लॉबी बेस के अलग-अलग साइडिंग ट्रिप साइडिंग माइलेज की विसंगतियों को दूर करने की भी मांग उठाई गई है। कोरबा में पदस्थ लोको पायलट ने बताया कि बिलासपुर डिवीजन में लगभग 4500 स्टाफ की कमी है। स्टाफ की कमी के कारण उन्हें पर्याप्त छुट्टी नहीं मिल पाती, जिससे काम का बोझ बढ़ जाता है। नई भर्तियां होने से स्टाफ को राहत मिलेगी और रेलवे के संचालन में भी सुविधा होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली दी गई है, लेकिन बिलासपुर संभाग में अभी तक इसका इंस्टॉलेशन नहीं हुआ है। इस प्रणाली के लागू होने से सुरक्षा में काफी सुधार होगा। कोरबा में पदस्थ लोको पायलट ने पुष्टि की कि 48 घंटे के आंदोलन के बाद वे काम पर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें रेलवे प्रशासन के समक्ष रखी गई हैं।

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