कोरबा 20 फरवरी NOW HINDUSTAN पूर्व सेवा गणना संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर एनपीएस/ ओ पी एस के पेंच मे फंसे एलबी संवर्ग के शिक्षकों द्वारा 20 फरवरी सोमवार को तानसेन चौक स्थित धरना स्थल में, जिले के दूरदराज से शिक्षक एलबी संवर्ग उपस्थित होकर अपनी जायज मांग पूर्व सेवा गणना करते हुए ops का लाभ एवं क्रमोंनती, पदोन्नति, वेतन विसंगति जैसी मांगो को लेकर एक दिवशीय धरना प्रदर्शन किया गया,इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व सेवा गणना संयुक्त मोर्चा जिला कोरबा के संयोजक नित्यानंद यादव, वेद शर्मा, मनोज चौबे के संयुक्त नेतृत्व मेकिया गया । ज्ञात हो की वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र मे ops लागु करने संकल्प लिया गया था, ops लागु किया जाना चाहिए किन्तु इसमें nps /ops का विकल्प नोटराइज सहमति समझ से परे है। सरकार, जो कर्मचारी जिस तिथि से सेवा मे है उस तिथि से ops लागू करे।
शिक्षक नेताओं द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि nps/ops विकल्प चयन करने संबंधित छत्तीसगढ़ नोटिफिकेशन 10 जनवरी 2023 एवं कनेकजर 02 मैं उल्लेखित कंडिका ओं का अवलोकन करने से स्पष्ट ज्ञात होता है कि एलबी संवर्ग के सेवकों के लिए कंडिका 1 से लेकर 6 तक उल्लेखित सहमति में nps /ops का विकल्प एक बड़ी पेंच है। उक्त सहमति पत्र को लेकर कर्मचारी सशंकित हैं, कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि एल बी संवर्ग विकल्प चयन करने में जल्दबाजी ना करें।
प्रदेश उप संयोजक ओम प्रकाश बघेल द्वारा बताया गया कि nps /ops विकल्प चयन में उपजे स्थिति के कारण एलबी संवर्ग के विभिन्न प्रांतीय संगठनों द्वारा संयुक्त मोर्चा बनाकर सरकार के समक्ष अपनी प्रमुख मांग- नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि की गणना कर ops लागू किए जाएं, क्रमोंनती, पदोन्नति, वेतन विसंगति को लेकर 20 फरवरी 2023 को प्रदेश के समस्त जिलों में धरना प्रदर्शन किया गया ।
इसके पूर्व 14 फरवरी 2023 को जिला मुख्यालय में कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है ।15 फरवरी से 19 फरवरी तक क्षेत्रीय विधायकों, मंत्री, सांसद को ज्ञापन दिया गया ।
उक्त निर्धारित कार्यक्रम को सफल बनाने जिला के पदाधिकारी बल्लभ दास बैष्णव, अशोक कश्यप , चन्द्रिका पांडेय, चंद्रेश दुबे, कन्हैया देवांगन, रामचरण साहू, रामनाथ बघेल, हरिश्चन्द्र अन्नू, मधुलिका दुबे, अनिता राठौर,सैलजा सिंह, रेखा देवांगन, सावित्री बैष्णव, कल्पना त्रिवेदी द्वारा सभी एलबी संवर्ग के शिक्षकों ने वर्गवाद को भूलकर अपनी उपस्थिति दी । इसके साथ ही अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी अपना समर्थन दिया