कोरबा NOW HINDUSTAN आगामी विधानसभा चुनाव-2023 करीब है, पर ऐसे में एकजुटता दिखाते हुए आपसी मतभेद भुलाकर ज्यादा करीब आने की बजाय भाजपाईयों के भी मन-भेद और दूरी बढ़ती नजर आ रही। जिले में एक ऐसी ही चर्चा उड़ रही हैं कि कोरबा जिला नगर निगम नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल को कुर्सी से हटाने उनकी अपनी ही पार्टी के पार्षदों ने संगठन में मोर्चा खोल दिया है। इस बाबत जिलाध्यक्ष को एक पत्र सौंपे जाने की तैयारी की भी खबर है, जिसमें विपक्ष की जिम्मेदारी कुशलता पूर्वक न निभा पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की जा रही हैं। अंचल में उड़ी इस खबर को लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि “हम तो जन-सेवक हैं और जनता की सेवा करने के लिए किसी पद की जरूरत नहीं होती। रही बात पद से हटाने चल रही मांग की, तो पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है और संगठन का जो भी आदेश होगा, वह मुझे शिरोधार्य होगा।”
जानकारी के अनुसार नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल के लिए भाजपा पार्टी के कुछ पदाधिकारी खिलाफत पर उतर आए हैं। सूत्र बताते हैं कि पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजा जा रहा है। इस पत्र के माध्यम से आरोप लगाते हुए मांग की जा रही है कि नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने में असफल रहे हितानंद अग्रवाल को इस पद से पृथक कर किसी अन्य नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। इस मामले में हितानंद अग्रवाल का स्पष्ट कहना है कि “अपनी बात पार्टी या संगठन के समक्ष पेश करने का अधिकार प्रत्येक कार्यकर्ता को है, सो इसमें नाराजगी जैसी कोई बात ही नहीं, पार्टी की विचारधारा के अनुरूप शोभनीय नहीं, लिहाजा उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।”
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने आगे कहा कि “क्षेत्र की जरूरतों, जनता की समस्याओं और उनकी मांगों पर आवाज उठाने के लिए ही उन्होंने एक जनप्रतिनिधि की भूमिका धारण की है। ऐसे में अगर जन-सेवा ही जीवन का एक मात्र प्रकल्प हो, तो भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में बिना किसी पद की लालसा किए जनसेवा करते रहना ही मेरी लिए लाजमी है। पद न भी हो, तो भी जनसेवा का रास्ता तो सदैव ही मेरे लिये खुला है।”
उल्लेखनीय होगा कि टिकट की लालसा में जिला भाजपा के सुप्रीमो सहित पार्टी के कई रसूखदार नेता और पदाधिकारी इन दिनों न केवल सक्रियता से सड़क पर नजर आ रहे हैं, उनके बीच आपसी खींचातानी भी जग जाहिर हो रही है। अगर सियासत की चार दिशाओं पर गौर करें तो अपनी-अपनी कमान खींचे कई ओर से ताकत दिखाई जा रही है और इस बीच एकता में अनेकता के आदर्श वाक्य के विपरीत जिला भाजपा में भिन्नता का दामन थामें विभिन्न गुटों की राजनीति देखने को मिल रही है और यही भिन्नता आगामी विधानसभा चुनाव में बड़े नुकसान का सबब बन जाए, तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।