कोरबा NOW HINDUSTAN शहर की खराब खस्ताहाल सड़को को लेकर नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है, नगर निगम कोरबा में सड़कों की हालत इस कदर खराब होती है कि सड़क बनने के कुछ महीने बाद ही ठेकेदार को फिर से काम करना पड़ता है। गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण लेकर आम लोग भी कई बार इसकी शिकायत करते आ रहे हैं। इन सड़कों पर धूल के गुब्बारे उड़ते हैं जिससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर निगम कोरबा को लगभग 2 वर्ष पूर्व जिला खनिज न्यास मद से 9 करोड रुपए राशि खर्च कर निगम द्वारा ठेकेदार के जरिए कोरबा शहर की सड़कों का निर्माण कराया गया था इसके बाद कुछ ही दिन में सड़क की ऊपरी परत पूरी तरह से उखड़ जाती हैं। इसके बाद ठेकेदार द्वारा मरम्मत नाम मात्र के लिए किया गया। आम लोगों का कहना है कि ऐसे ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड किया जाए जो केवल अधिकारियों को कमीशन दे रहा हैं। सड़क की गुणवत्ता का कोई भी पैमाना नहीं मान रहा है इसमें नीचे से ऊपर अधिकारी सब लिप्त है ।
बता दे कोरबा जिले के रिसदी से गौ माता चौक तक बनी सड़क की गुणवत्ता जाँच की मांग की जा रही है आइये हम बताते हैं की किस प्रकार बनी नगर निगम लापरवाह लगभग 2 वर्ष पूर्व जिला खनिज न्यास मद से 9 करोड रुपए की राशि खर्च कर नगर निगम द्वारा ठेकेदार के जरिये से कोरबा शहर में सीएसबी चौक से सोनालिया चौक, सोनालिया चौक से गौ माता चौक, महाराणा प्रताप चौक से गुरु घासी चौक, घंटाघर से शास्त्री चौक एवं महाराणा प्रताप चौक तक सड़कों का निर्माण कराया गया था जिसके बाद लगभग 2 महीने उपरांत ही सड़के उखड़ने लग गई इस बारे में नगर निगम प्रशासन को बार-बार शिकायत करने के बाद भी ठेकेदार मरम्मत के नाम पर जला हुआ तेल डालकर लीपा पोती की जा रही है सड़कों के निर्माणों की गारंटी की अवधि आगामी 6 माह में समाप्त हो जाएगी उसके पश्चात सभी सड़कों के निर्माण में खर्च हुए सरकार के 9 करोड रुपए की जिम्मेदारी किसकी होगी।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सड़कों के निर्माण के दो महीने उपरांत ही जब सड़क उखड़ने लगी तब हम लोगों द्वारा प्रमाण के रूप में वहां की गिट्टी ले जाकर महापौर के सामने रखी थी तब महापौर ने कहा था कि सभी सड़कों के सिरे से पुनः बनाया जाएगा परंतु यह सब भी महापौर की जुमलेबाजी ही निकली सड़कों को नया नहीं बनाया गया केवल नगर निगम प्रसाशन ने ठेकेदार के माध्यम से जला हुआ तेल डालकर सडकों की मरम्मत के नाम पर खाना पूर्ति की गई आपको बता दे की अवधि 6 महीने के अंदर उक्त सड़कों को नया नहीं बनवाया गया तो ठेकेदार को दी गई 3 वर्ष की समय सीमा भी समाप्त हो जाएगी, समय रहते सड़क की गुडवत्ता जांच कर दोषी ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएं ।