NOW HINDUSTAN कोरबा/ सरायपाली- केन्द्रीय विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के कुछ पालकों तथा कुछ व्यवायियों की ओर से विद्यालय के स्टाफ के द्वारा उचित व्यवहार नहीं किये जाने की शिकायत मिलने पर अंचल के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं चेम्बर आॅफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य से चर्चा हेतु पहुँचे हुए थे। इस दौरान उन्हें भी वहाँ उपेक्षित होना पड़ा, जिससे नाराज श्री अग्रवाल ने उक्त विद्यालय की शिकायत केन्द्र एवं राज्य शासन से भी करने की बात कही है।
उक्त जानकारी देते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय सरायपाली में शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा व्यापारियों व आमजनों के बच्चे भी अध्ययन करते हैं। विगत काफी समय से केन्द्रीय विद्यालय परिवार के द्वारा विद्यार्थियों के पालकों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने की शिकायतें मिल रही थी, जिसे देखते हुए वे इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य से चर्चा करने के लिए केन्द्रीय विद्यालय पहुँचे थे। श्री अग्रवाल ने बताया कि जब प्राचार्य कक्ष के बाहर उपस्थित विद्यालय के एक स्टाफ से उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देकर प्राचार्य से मिलने की इच्छा जाहिर की, तो उन्हें प्राचार्य की व्यस्तता का हवाला देते हुए बाहर ही10 मिनट प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया। लगभग 20 मिनट बीत जाने के बाद भी जब किसी प्रकार का बुलावा नहीं आया तो, उन्होंने पुन: एक शिक्षक को वहाँ से गुजरता देखकर उन्हें अपना कार्ड देकर प्राचार्य से मिलने की बात कही। उक्त शिक्षक देखता हूँ कहकर प्राचार्य कक्ष में गए और बाहर आकर मिलने के लिए उन्हें भीतर भेजा। इसके पश्चात् वे प्राचार्य के समक्ष पहुँचे, लेकिन प्राचार्य के द्वारा भी उनकी उपेक्षा करते हुए उनके पास अधिक समय नहीं होने और सोमवार को बात करने की बात कही गई। इसपर श्री अग्रवाल ने कहा कि आधे घण्टे इंतजार करने के बाद भी जब उन्हें सोमवार को आने के लिए कहा गया, तो वे और क्या बात करेंगे। अंत में वे प्राचार्य को केवल होली की शुभकामनाएँ देकर चले आये। केन्द्रीय विद्यालय परिवार के इस व्यवहार से उन्हें काफी निराशा हुई और इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और राज्य शासन से भी पत्राचार करने की बात कही है।
इस संबंध में केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य डॉ सीमा प्रधान से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्री अग्रवाल उनसे मिलने के लिए आये थे। वर्तमान में मार्च क्लोजिंग का कार्य चलने के कारण वे काफी व्यस्त थीं, उसके बावजूद थोड़ी-बहुत चर्चा हुई। उन्होंने श्री अग्रवाल को इसकी जानकारी देते हुए पुन: किसी समय उनसे मिलकर विस्तृत चर्चा करने की बात भी कही है। जहाँ तक दुर्व्यवहार की बात है तो उनके साथ तो सामान्य रूप से ही बातें हुई है, प्राचार्य कक्ष के बाहर उनके साथ क्या हुआ है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।