NOW HINDUSTAN औषधीय पौधों के महत्व को लोकप्रिय बनाने और प्रत्येक परिवार में कम से कम एक सदस्य को कम से कम 10 औषधीय पौधों के उपयोग के बारे में पूरी जानकारी और जागरूकता पैदा करने के लिए मातृका सोसाइटी द्वारा एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है।
कुदरत के दिये गये वरदानों में पेड़-पौधों का महत्वपूर्ण स्थान है। पेड़-पौधे मानवीय जीवन चक्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें न केवल भोजन संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ती ही होती बल्कि जीव जगत से नाजुक संतुलन बनाने में भी ये आगे रहते हैं-कार्बन चक्र हो या भोजना श्रृंखला के पिरामिड में भी ये सर्वोच्च स्थान ही हासिल करते हैं। इनकी उपयोगिता को देखते हुए इनको अनेक संवर्गों में बांटा गया है। इनमें औषधीय पौधे न केवल अपना औषधीय महत्व रखते हैं आय का भी एक जरिया बन जाते हैं। हमारे शरीर को निरोगी बनाये रखने में औषधीय पौधों का अत्यधिक महत्व होता है यही वजह है कि भारतीय पुराणों, उपनिषदों, रामायण एवं महाभारत जैसे प्रमाणिक ग्रंथों में इसके उपयोग के अनेक साक्ष्य मिलते हैं। इससे प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों के माध्यम से न केवल हनुमान ने भगवान लक्ष्मण की जान बचायी बल्कि आज की तारीख में भी चिकित्सकों द्वारा मानव रोगोपचार हेतु अमल में लाया जाता है। यही नहीं, जंगलों में खुद-ब-खुद उगने वाले अधिकांश औषधीय पौधों के अद्भुत गुणों के कारण लोगों द्वारा इसकी पूजा-अर्चना तक की जाने लगी है जैसे तुलसी, पीपल, आक, बरगद तथा नीम इत्यादि।
छात्रों, किसानों और जनता को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने के लिए एक महीने तक चलने वाले जागरुकता कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी। मातृका सोसाइटी के सदस्य रविंद्र दुबे ने बताया कि एक महीने तक चलने वाले आयुर्वेद अभियान में लगभग 60 लोगों से मिलकर स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों और कर्मचारियों के लिए जन जागरूकता व्याख्यान,किसानों को सामान्य औषधीय पौधों का वितरण,आम जनता के बीच आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं, कई अन्य कार्यक्रमों भी शामिल थे। स्वयं मातृका सोसाइटी के कार्यालय में लगभग 70 प्रकार के घरेलु औषधीय पौधों की वाटिका संचालित है जिसमें इसमें तुलसी,लाल चंदन, एलोवेरा,ब्राह्मी,हल्दी,सदाबहार, सहजन, करी पत्ता, आंवला, पीपल्स,करेला,दाल चीनी,अनार,मदार, इलायची, लौंग, मिंट, अपराजिता, मोगरा,हरसिंगार,अदरक जैसे पौधे शामिल है जिनका आयुर्वेदिक उपयोग बताकर लोगों को उसके महत्व के बारे मे बतला जागरुकता लाने का प्रयास किया जा रही। आने वाले समय मे लोगों को निःशुल्क आयुर्वेदिक और औषधी पौधों का वितरण शहर के लोगों को किया जायेगा और “आयुर्वेदिक टैरिस वाटिका” कार्यक्रम चलाया जायेगा।