कुसमुंडा थाने के पास पलटा खाली ट्रेलर, कोई हताहत नहीं, तेज रफ्तार बना हादसे का कारण……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN कोरबा – जिले के कुसमुंडा क्षेत्र में तमाम सुव्यवस्थाओं के बावजूद भारी वाहन चालकों की मनमानी कम नहीं हो रही, खदान प्रवेश से लेकर कांटा, लोडिंग,और फिर खदान से बाहर निकलें की जल्दबाजी ना सिर्फ आम लोगों बल्कि स्वयं के वाहन के साथ भी दुर्घटनाओ को अंजाम देने से नहीं चूक रहें हैं। ताजा घटनाक्रम कुसमुंडा थाना चौक का है जहां बुधवार की तड़के सुबह कुसमुंडा खदान प्रवेश करने की जल्दबाजी में एक खाली ट्रेलर थाना चौक पार कर पानी निकासी के लिए बनाए गए बड़े से नाले में गिरी, वहीं ट्रेलर का पिछला हिस्सा चालू बिजली के बड़े से पोल में जा टिका, खंबा नही होता तो थाने परिसर की दीवार को तोड़ते हुए शिकायत से पूर्व ही सीधे थाने में चली जाती। फिलहाल गनीमत ये रही की इस आपाधापी में किसी को चोट नहीं लगी। ना ही बिजली पोल को नुकसान हुआ है, वरन चालू बिजली की पोल गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था।आपको बता दें थाना चौक में आमजनो की आवाजाही निरंतर बनी रहती है,ऐसे में यहां गेवरा टीपर रोड की ओर से खदान प्रवेश करने एक दिशा में 4 से 5 ट्रेलरों की लाइन वहीं रेल्वे फाटक पार कर थाना चौक पर ही 3 से 4 ट्रेलरों की लाइन लगी रहती है,ऐसे में दुपहिया अथवा हल्के वाहनों में चलने वाले आम लोगों का यहां से पार होना मुश्किल हो जाता है,इसी भयावा स्थिति को देखते हुए कुसमुंडा प्रबंधन के रोड सेल विभाग द्वारा थाना चौक में भारी वाहनों को व्यवस्थित करने कंक्रीट के भारी स्लैब लगाने की व्यवस्था की गई है,जिसमें गेवरा टीपर मार्ग की ओर से कुसमुंडा खदान प्रवेश करने वाले ट्रेलर 1 या 2 की ही लाइन लगा सकेंगे,वहीं इमली छापर रेल्वे फाटक पार कर थाना चौक तक भी इन्ही कंक्रीट के स्लैब लगाए जा रहे हैं जिससे खाली ट्रेलर वाहन एक ही लाइन में खदान प्रवेश करें,बाकी ट्रेलरों के लिए पार्किंग की व्यवस्था बनाई गई है। वहीं रोड सेल विभाग के एक अधिकारी ने बताया की अभी 40 कंक्रीट स्लैब और आने है,जिन्हे इमली छापर रेल्वे फाटक से थाना चौक तक लगवाना है, जिससे थाना चौक पर जाम की स्थिति नियंत्रित की जा सके और आमजन यहां से आसानी से आवागमन कर सकें। इन तमाम तरह की व्यवस्थाओं के बावजूद आप की घटनाक्रम यह बता रही है की ट्रेलर चालक अपनी मनमानी से बाज नहीं आने वाले उनकी मर्जी चले तो वे नाली नाला पार कर अपनी मंजिल तक पंहुच जाए,चाहे स्वयं का नुकसान हो या जनमानस का।

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