NOW HINDUSTAN. Kitna. अंचल में एल्युमिनियम एम्पलाइज यूनियन (एटक) बालको के द्वारा अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) का 31 अक्टूबर को 104वां स्थापना दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम राज्य एटक के महासचिव हरिनाथ सिंह के द्वारा एटक का झंडा फहराया गया। उसके उपरांत गुरुदास दास गुप्ता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर एवं मौन धारण कर पुण्यतिथि मनाई गई। उसके बाद मजदूर एकता जिंदाबाद, दुनिया के मजदूर एक हो, श्रम की लूट के खिलाफ एक हो, कामरेड गुरुदास दासगुप्ता अमर रहे जैसे अन्य गगनभेदी नारे लगाये गए।
इसी कड़ी में संगोष्ठी का कार्यक्रम भी रखा गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में हरिनाथ सिंह उपस्थित थे। जिन्होंने एटक के इतिहास के बारे में और भविष्य के बारे में अपने शब्दों में कहा कि, भारतीय मजदूरो का प्रथम केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठन के रूप में 31 अक्टूबर 1920 को अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की स्थापना हुई। आज हम इसकी 104वीं जयंती मना रहे हैं। 104 वर्ष एक लंबी अवधि होती है, इस अवधि में विश्व में भारी परिवर्तन आया है और भारत ब्रिटिश उपनिवेश से निकलकर एक विकासशील स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बदल चुका है। श्रम बल के बनावट और जागरूकता की रूप में भी भारी बदलाव आया है। जिसके फलस्वरुप ट्रेड यूनियन के स्वरूप और क्रियाकलाप भी बदल गए हैं।
इस लंबे सफरनामा में एटक का एक गौरवशाली बहु आयामी इतिहास रहा है। विभिन्न परिवर्तनों, उतार-चढ़ाव एवं विभाजन, एकता और फिर विभिन्नता से गुजरते हुए एटक अपने अंदर विशाल अनुभव को संजोए हुए एकमात्र संगठन है, जो जीवंत और प्रभावकारी ढंग से आज भी कायम है। देश में श्रमिक वर्ग को सरकार और नियोजक पक्ष की ओर से कैसे अत्यंत खतरनाक चुनौतियों से कारगर तरीके से निपटने के लिए समर्पित निष्ठावान एवं निस्वार्थ तथा संघर्षशील कार्यकर्ता एकमात्र विकल्प है। हम सब मिलकर यह संकल्प लेते हैं कि कॉर्पोरेट घरानो तथा सरकार द्वारा की जा रही श्रम की लूट के खिलाफ निरंतर लड़ाई के मैदान में रहेंगे।
इस कार्यक्रम में राज्य एटक के सचिव एम.एल. रजक, एल्युमिनियम एम्पलाइज यूनियन (एटक) के अध्यक्ष एस.के. सिंह, महासचिव सुनील सिंह ,पी.के. वर्मा,धर्मेंद्र सिंह, फुलेंदर पासवान, अविनाश सिंह, ताराचंद कश्यप, संतोषी बरेठ, परितोष यादव यूनियन के सभी कार्यकारिणी एवं अन्य साथी उपस्थित हुए।