NOW HINDUSTAN. Korba. मंगलवार को नहाए खाए के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है। व्रती 6 नवंबर को खरना के लिए उपवास रखेंगे । वही 7 नवंबर को अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा । छठ महापर्व को लेकर प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों ने तैयारी शुरू कर दीं है। पूजा के लिए ज़रूरी सामग्रियो का बाजार में पहुंचना शुरू हो गया है। सोमवार को मुड़ापार, बुधवारी बाजार , इतवारी बाजार के साथ-साथ अन्य उपनगरी इलाकों में बांस की टोकनी और सुपा लेकर बेचने के लिए छोटे कारोबारी पहुंचे थे। कुछ लोगों ने नींबू, नारियल सहित पूजा की अन्य सामग्रियों को भी बेचने के लिए अपने पास रखा था।
आज मंगलवार है और आज ही से चार दिनो तक चलने वाले सूर्य उपासना का महापर्व शुरू हो रहा है। यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष को की चतुर्दशी से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है। कार्तिक माह में मनाया जाने वाले छठ का अपना विशेष महत्व है।
कार्तिक के छठ पूजा को लेकर व्रतियों की संख्या ज्यादा रहती है। मंगलवार को कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि पड़ रही है । इसी दिन व्रती नदी और सरोवर में स्नान कर अपने शरीर को शुद्ध करेंगे और व्रत के लिए खुद को तैयार करेंगे। इससे नहाए खाए के नाम से जाना जाता है। आज के दिन लौकी की सब्जी व्रती ग्रहण करेंगे । इसके अलावा अपनी इच्छा अनुसार शुद्ध शाकाहारी भोजन करेंगे । इसके साथ ही 36 घंटे तक निर्जला व्रत की शुरुआत होगी।
प्रदेश की ऊर्जा धनी कोरबा में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग निवास करते हैं । इस पर्व से उनका विशेष लगाव है ऊर्जाधानी में रहने वाले पूर्वांचल के लोग व्रत की तैयारी को लेकर जुटे हुए हैं । व्रती और उनके परिवार ने सोमवार को पूजा के लिए जरूरी सामानों की खरीदारी शुरू की जो अर्घ्य के पहले दिन तक जारी रहेगा । कोरबा में पूर्वांचल लोगों के साथ ही यहां निवासरत अन्य समाज के लोग भी छठ पर्व को देखने और जानने के लिए छठ घाटों में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।