NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा जिले के जंगलों में हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है। वनमंडल कोरबा के करतला रेंज में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। जानकारी के अनुसार यहां 50 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। झुंड दो दिनों तक ग्राम पीडिया में एक साथ थे, लेकिन रात्रि पहर में कुछ हाथी अलग होकर ग्राम बोतली के जंगल में पहुंच चुके हैं। हाथियों ने ग्राम बोतली पहुंचने से पहले ग्राम पीडिया में दो दर्जन से अधिक किसानों के धान की फसल को रौंद दिया। इतना ही नहीं एक ग्रामीण के झोपड़ी को भी तोड़ दिया है। हाथियों के द्वारा लगातार नुकसान पहुंचाए जाने से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं। हाथियों के दो झुंड में बंट जाने से खतरा बढ़ गया है।
ग्रामीणों के खेतों में लगाया गया धान पककर तैयार हो गया है और किसान उसे काटकर धान खरीदी केंद्रों में बेचने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में हाथियों द्वारा फसल को चौपट कर देने से उन्हें निराशा हाथ लग रही है। हाथियों का झुंड एक सप्ताह से क्षेत्र में डेरा जमाए हुए है। प्रतिदिन खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रात्रि पहर कुछ हाथी ग्राम बोतली पहुंच गए, लेकिन बड़ी संख्या में हाथी अभी भी ग्राम पीडिया में मंडरा रहे हैं। जिनके द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाए जाने की संभावना है। दूसरी तरफ पसरखेत रेंज में दो दिनों तक विचरण करने के बाद एक दर्जन हाथियों ने चचिया जंगल की ओर रूख कर लिया है। हाथियों के अचानक आने से ग्रामीण दहशत में हैं।
* कोरिया की सीमा से पसान रेंज में लौटे हाथी
कोरबा वनमंडल में हाथियों की दहशत बरकरार है, वहीं कटघोरा वनमंडल में हाथियों की एक बार फिर वापसी हो गई है। कोरिया सीमा तक जाने के बाद वहां ग्रामीणों द्वारा खदेड़े जाने पर हाथियों का दल वापस पसान रेंज लौट गया है। इस दल ने रेंज के सिर्री व समलाई नामकग्राम में पहुंचकर पहले खेतों में रखे धान के करपे का चट किया फिर खलिहानों में पहुंचकर धान की खरही को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन ड्यूटी में तैनात वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने खदेड़ दिया। जिससे वे वापस जंगल की ओर रूख कर गए।