जटराज पोखरी का पानी फेंककर राखड पाटना पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन – नूतन ठाकुर…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba.  सर्वमंगला कनकी मार्ग पर स्थित जटराज पोखरी में राखड पाटने के लिए उसके लाखों लीटर पानी को फेंका जा रहा है। जल स्रोत को सुखाकर उसमें राखड पाटने की कार्रवाई पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन है।

नगर पालिक निगम कोरबा के वार्ड 62 क्षेत्राधिकार में आने वाले जटराज पोखरी पूर्व में खदान था लेकिन खदान बंद होने के बाद लगभग 50 साल‌ से वह बड़े तालाब की शक्ल ले चुका है। आस-पास के नागरिक उक्त जल स्रोत का उपयोग दैनिक जीवन में 40-50 साल से करते आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से निजी कंपनी द्वारा 5-6 बड़े मोटर पंप लगा पोखरी के पानी को फेंककर बर्बाद किया जा रहा है। नगर पालिक निगम कोरबा के सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने कलेक्टर और पर्यावरण संरक्षण अधिकारी को पत्र लिखकर पोखरी का संरक्षण करने की मांग किया है।

कलेक्टर कोरबा और पर्यावरण अधिकारी को लिखे पत्र में सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने बताया कि पोखरी का जल षड्यंत्र पूर्वक सुखाकर उसमें राखड पाटने की साज़िश रची गई है, जबकि छत्तीसगढ़ शासन जल स्रोतों के संरक्षण और नया तालाब निर्माण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। पुराने जलस्रोतो के लिए सरोवर धरोहर योजना चलाई जा रही है, लेकिन कोरबा में राखड फैलाव अभियान चलाया जा रहा है। हसदेव नदी तट से लगे हुए पोखरी में राखड पाटने से बारिश के समय राखड बहकर नदी को प्रदूषित करेगा। जिससे पर्यावरण और जन-जीवन को गंभीर नुकसान होगा।
निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है । सभापति नूतन ठाकुर ने प्रशासन से मांग किया है कि पोखरी के पानी को पंपों के माध्यम से बाहर निकलकर बर्बाद करने की साज़िश पर तुरंत रोक लगाया जाए। इस बात की जांच किया जाए कि किसके अनुमति से हजारों लीटर पानी को फेंकने का काम निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। दोषी कंपनी और अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।

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