कोयले में काला खेल!” रैरूमा चौकी से चंद कदमों की दूरी पर कोयला माफिया का अड्डा, 10 साल से लूट का ‘कारखाना’ चल रहा – पुलिस मौन, प्रशासन पंगु!…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. धरमजयगढ़/बाकारूमा।* छत्तीसगढ़ का धरमजयगढ़, जहां एक तरफ आदिवासी जमीन और जंगलों को लेकर संघर्ष जारी है, वहीं दूसरी ओर बाकारूमा में चल रहा है कोयले का वह ‘काला कारोबार’ जिसने पुलिस, प्रशासन और कानून की आंखें बंद कर दी हैं। रैरूमा चौकी से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर, दिनदहाड़े ट्रकों से परल कोक चोरी कर उसका खुला बाजार सजता है – और किसी जिम्मेदार की नज़र तक नहीं जाती!

*धनबाद से आता कोयला, बाकारूमा में लुटता है :* सूत्रों के मुताबिक पत्थलगांव मुख्य मार्ग पर प्लांटों को जा रहे परल कोक से भरे ट्रकों को सुनसान बाउंड्री के भीतर मोड़ दिया जाता है। वहां चालकों की मिलीभगत से मजदूर बोरियों में कोक भरते हैं, बेचते हैं, और बाकी बचे कोक में पानी डालकर ट्रक में वापस भर दिया जाता है – ताकि वजन में फर्क न आए और चोरी का पता न चले।

*यह सिलसिला कोई एक-दो महीने से नहीं, पिछले 10 वर्षों से जारी है!*

*प्रशासन का ‘अभयदान’, पुलिस की ‘अनदेखी’ या दोनों की मिलीभगत?* सवाल उठता है –
* क्या रैरूमा चौकी इतनी अंधी है कि उसे 500 मीटर दूर चल रही कोयले की मंडी दिखाई नहीं देती?
* क्या कोयला माफिया को ‘ऊपर’ से संरक्षण मिला हुआ है?
* और अगर नहीं, तो फिर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं?

* जब डाहीडांड में कार्रवाई हो सकती है, तो बाकारूमा में क्यों नहीं? :* हाल ही में डाहीडांड में चार ट्रकों को अवैध गतिविधियों के चलते राजस्व विभाग ने जप्त कर खनिज शाखा को सौंपा। लेकिन बाकारूमा की कोयला मंडी पर नज़र डालने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। क्या यहां के माफिया ज़्यादा ताकतवर हैं?

*🗣️ चौकी प्रभारी का बयान, लेकिन सवाल अभी बाकी हैं…* जब इस मामले पर चौकी प्रभारी मनकुंवर सिदार से पूछा गया तो उनका जवाब था – “बाकारूमा में परल कोक कोयला का मामला मेरे संज्ञान में आया है, मैं जाकर पहले जांच करती हूं।”

प्रश्न उठता है –

* अगर दस साल तक यह गोरखधंधा पुलिस की जानकारी से बाहर था, तो यह लापरवाही है या मिलीभगत?
* जांच कब होगी, कार्रवाई कब होगी, और गुनहगारों पर शिकंजा कब कसेगा?

जनता पूछ रही है – किसका है यह धंधा? कौन दे रहा है संरक्षण? और कब रुकेगी ये लूट?

👉 बाकारूमा में बैठे कोयला माफिया का हौसला इतना बुलंद क्यों है?
👉 किस नेता, किस अफसर, किस ठेकेदार की मिलीभगत है इस 10 साल पुराने धंधे में?
👉 क्या कोयला केवल धरती से नहीं, सिस्टम की आत्मा से भी निकाला जा रहा है?

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