लाइनिंग मरम्मत के लिए मिले 20.82 करोड़ नहीं करा सके निविदा, जांजगीर से रायगढ़ तक सिंचाई हो रही प्रभावित……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba.  हसदेव दर्री बराज की बांयीं तट नहर की लगभग 45 प्रतिशत लाइनिंग टूटी हुई है। इसकी वजह से सिंचाई भी प्रभावित होने लगी है। मरम्मत के लिए 20.82 करोड़ की मंजूरी पहले से मिल चुकी है। लेकिन तत्कालीन अधिकारियो की लापरवाही से निविदा नहीं हो सकी हैं। नहर की हालत देख पानी की मात्रा धीरे-धीर बढ़ा रहे हैं। नहर की क्षमता 4200 क्यूसेक है, मंगलवार शाम 3019 क्यूसेक छोड़ा जा रहा था। दायी तट नहर में 3959 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की कमी से खेतों में दरार भी आ गई है।

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बांगो बांध की सिंचाई क्षमता 2.45 लाख हेक्टेयर है। हसदेव दरी बराज से नहरों में पानी छोड़ा जाता है। दांयीं तट नहर से जांजगीर और अकलतरा क्षेत्र में सिंचाई होती है। बायीं तट नहर जांजगीर-चांपा के साथ ही सक्ती, खरसिया और रायगढ़ ब्लॉक को कवर करती है। बांयीं तट नहर से ही करतला ब्लॉक के गांवों में सिंचाई होती है। 15 दिन से क्षेत्र में कम बारिश हो रही है। इससे पानी की मांग बढ़ रही है, लेकिन नहर की लाइनिंग टूटने से पूरी क्षमता के साथ पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। 2 साल के भीतर दो बार नहर टूट चुकी है। तुलसी नगर के पास नहर में छेद होने से आसपास क्षेत्रों में पानी भर गया था। इसके पहले इमलीडुग्गु के पास भी नहर टूटने की घटना सामने आ चुकी है।

*दो ठेकेदारों ने अंतर राशि जमा नहीं करने से ठेका हुआ निरस्त

नहर की लाइनिंग मरम्मत के लिए निविदा हुई थी। जिसमें से दो कार्यों का ठेका दुर्ग की कंपनी को मिला था। दोनों काम के लिए 54-54 लाख रुपए अंतर राशि 15 दिनों में जमा करनी थी। लेकिन जमा नहीं होने से निविदा को निरस्त कर दिया गया। एक ठेकेदार को काम मिला है लेकिन बारिश के बाद ही निर्माण हो सकता है। अब फिर से निविदा की गयी हैं।

9 साल पहले कराई मरम्मत इसके बाद नहीं दिया ध्यान

बांयीं तट नहर की लंबाई 48 किलोमीटर है। इसमें से 18 किलोमीटर का हिस्सा कोरबा जिले में आता है। 12 किलोमीटर शहर के बीच से ही गुजरी है। इसकी लाइनिंग टूटने से सर्विस बैंक के टूटने का खतरा रहता है। उसकी मरम्मत वर्ष 2016 में कराई गई थी। उसके बाद अधिकारियो ने ध्यान नहीं दिया।

सीतामढ़ी में सेफ्टी वॉल का मलबा हटाने आयुक्त को पत्र

सुनालिया चौक से रेलवे स्टेशन मार्ग पर नहर किनारे निगम में सेफ्टी वॉल का निर्माण कराया है। लेकिन करीब 500 मीटर का हिस्सा टूटकर गिर गया है। सिंचाई विभाग ने आयुक्त को पत्र लिखकर मलबे को हटाने और निर्माण करने मांग की है। इससे सिंचाई प्रभावित होने की आशंका जताई है।

सिंचाई की मांग के अनुसार पानी की मात्रा बढ़ाई गई : ईई एस.एन. साय

हसदेव दर्री बराज के ईई एस.एन. साय का कहना है कि मांग के अनुसार सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ रहे हैं। हाइडल प्लांट को अब लगातार 52 घंटे चलाने कहा गया है। नहरों की लाइनिंग की मरम्मत हो पाना संभव नहीं है। सर्विस बैंक की सुरक्षा के उपाय किए गए हैं।

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