कथा के चौथे दिन कृष्ण की बाल सुलभ लीलाओं से झूम उठे श्रोतागण…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
4 Min Read

NOW HINDUSTAN. Korba.   पितृमोक्षार्थ गयाश्राद्धांतर्गत मातनहेलिया परिवार द्वारा जश्न रिसोर्ट कोरबा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित विजय शंकर मेहता ने गजेंद्रमोक्ष, समुद्र मंथन, वामन अवतार, श्रीराम एवं श्रीकृष्ण की बाल सुलभ लीलाओं से लेकर सिंहासन प्राप्ति की कथा सुनाई।
कथा वाचक पंडित मेहता ने कृष्ण-यशोदा का प्रसहन सुनाते हुए भगवान कृष्ण की बाल सुलभ लीलाओं का ऐसा वर्णन किया कि श्रोतागण झूम उठे। उन्होंने कहा कि जब भगवान कृष्ण दोपहर 12.00 बजे अवतार लिए और मां देवकी की कोख से बाहर आए और उनकी गोदी में आए तो यह दृश्य मां के लिए स्वर्ग से कम नहीं होता। जब कृष्ण ने बाल सुलभ लीला की तो मां के जीवन का वह आनंद, जिसे शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता, सिर्फ अनुभूति होती है। देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया, लेकिन कृष्ण की बाल सुलभ लीलाओं का पूरा आनंद यशोदा मैय्या ने लिया। जब बच्चा मां का स्तनपान करता है और दूसरे स्तन को लात मारता है, तो यह आनंद मां के लिए अद्भूत और अनंत होता है। मां और पुत्र के बीच के वात्सल्य से परमानंद की अनुभूति दोनों को होती है। उन्होंने कहा दुनिया में मां से बड़कर कोई नहीं-मां ही होती है, जो लात खाकर भी बच्चों को भोजन देती है, इसलिए मां को कभी आघात नहीं पहुंचाना, क्योंकि जब मां आहत होती है तो घायल भगवान होते हैं। मां-बाप की सेवा करना सौभाग्य की बात होती है।

- Advertisement -

राम और कृष्ण दो आयाम हैं, इनके बिना सनातन धर्म संभव नहीं

शुकदेव जब परीक्षित को कथा सुना रहे थे, तो उन्होंने पहले रामकथा सुनाई और कहा कि भगवान राम आदर्श के प्रतीक हैं और कृष्ण जीवन में आनंद घोलने वाले हैं। एक जीवन को मर्यादा सिखाते हैं, तो दूजा जीवन में प्रेम भरना सिखाते हैं। एक महेल से जंगल की ओर जा कर नई ऊंचाईयों को छूआ, तो दूजा जंगल से महल जा कर ऊंचाईयों को छूआ और हमारे लिए जीवन के आदर्श और प्रेम दे गए। दोनों बहुआयामी थे।

*हमारा पूरा जीवन समुद्र मंथन की तरह है*

कथा वाचक पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा कि हमारा पूरा जीवन समुद्र मंथन की तरह है और सफलता-असफलता के बीच मंथन होते रहता है। उन्होंने कहा कि सफलता बिना संघर्ष के नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि अपने भक्तों को बचाने आज भी भगवान किसी न किसी रूप में हमारी मदद करते हैं, इसलिए आस्था और भरोसा को कभी न त्यागें।

*भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर जमकर झूमे श्रोतागण*

आज चौथे दिन भगवान कृष्ण ने कथा में अवतार लिया और आयोजकगणों ने मंच पर भगवान कृष्ण की अद्भूत झांकी का प्रदर्शन किया। भगवत कथा में आज शाम जैसे ही 6 बजकर 20 मिनट हुए, भगवान कृष्ण का अवतार हुआ और कृष्ण जन्म होते ही चारों तरफ उल्लास और उमंग से भर गया। कथा स्थल के बाहर परिसर में आतिशबाजी हुई, तो परिसर के अंदर फूलों की बारिश हुई। झांकी में आए बालकृष्ण को देखने सभी लालायित दिखे और भगवान कृष्ण की आरती हुई। नन्हें-मुन्ने बच्चों ने कृष्ण के रूप में काफी आकर्षित लग रहे थे। मटके फोड़े, मक्खन खाया और बाल सुलभ मस्ती भी की, इसे देखकर श्रोता झूमने लगे।

कल का प्रहसन

कथा के पांचवें दिन 28 अगस्त को कथा वाचक पंडित विजय शंकर मेहता भगवान कृष्ण की बाल लीला, मथुरागमन, कंसवध, कृष्ण विवाह का प्रहसन सुनाएंगे।

Share this Article