कोरबा/गेवरा NOW HINDUSTAN ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति 11 सूत्रीय मांगों पर 25 मार्च को गेवरा खदान को पूर्ण ठप्प करने के आंदोलन के साथ जिले के चारो एसईसीएल क्षेत्रों में चरण बद्ध आंदोलन की घोषणा किया है । आंदोलन के मद्देनजर गेवरा प्रबन्धन की ओर से आज वार्ता के लिए आमंत्रित किया था जिसे बहिष्कार कर दिया गया ।
आज बैठक के नियत समय पर शाम 4 बजे ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के पदाधिकारी मुख्यालय के समक्ष शहीद भगत सिंह की छायाचित्र लेकर नारेबाजी करते हुए वार्ता से साफ इंकार कर दिया । उनका कहना है क्षेत्रीय स्तर पर बार बार आश्वसन का झुनझुना ही मिलता है मुख्यालय के अधिकारियों तक बातें पहुँचने ही नही दिया जाता इसलिए ही सीधे सीएमडी को ज्ञापन दिया गया है और वार्ता भी निदेशक मंडल के साथ होगा ।
सन्गठन के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने कहा कि आज 23 मार्च के दिन देश के महान क्रान्तिकारी शहीद ए आजम भगत सिंह और उनके साथी सुखदेव व राजगुरु को अंग्रेजी हुक्मरानों ने आजादी के आंदोलन के लिए ऐसे ही शाम के वक्त फांसी की सजा दी थी और हम उनके कुर्बानियों को याद करते हुए शोषणकारी नीतियों के विरुद्ध आंदोलन का शंखनाद कर रहे हैं ।
संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने कहा – गेवरा प्रबधन के साथ कई बार वार्ता किया जा चुका है शासन और बोर्ड में लंबित होने का बहाना ही सुनने को मिलता है । इसलिए बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कराने के लिए तीन महीने बीत चुके है केवल धोखा किया गया है । इन अधिकारियों पर किसी भी तरह से विश्वास करना मुनासिब नही है इनकी दोगले नीतियों के वजह से हम भुविस्थापित लगातार ठगे जा रहे है, अब हमारी वार्ता केवल सीएमडी लेवल होगी अन्यथा हम सम्पूर्ण कोल माइन्स को अनिश्चितकालीन तक बंद कर देंगे जब तक कि हर एक भुविस्थापित को न्याय नही मिल जाता।
प्रमुख रूप से सपुरन कुलदीप रूद्र दास महंत संतोष चौहान श्रीकांत सोनकर ललित महिलांगे फूलेन्द्र सिंह संदीप कंवर रामाधार यादव भागीरथ यादव संतोष राठौर दिलहरण महंत अशोक साहू दयाराम सोनी सतीश चंद्रा सागर जायसवाल किशन सोनी,चामू नाग, रोहित दास, मणिशंकर साहू, दयाराम सोनी विद्याधर दीपेश सोनी काशीनाथ सहित अनेक भूविस्थापित शामिल थे ।