काव्य संग्रह ‘स्वयंसिद्धा’ के लिए रजनी साहू को रजत पुरस्कार से किया गया सम्मानित…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
3 Min Read

कोरबा/मुंबई NOW HINDUSTAN महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी,मुम्बई 2021-22 ने संत नामदेव पुरस्कार (काव्य विधा ) से रजनी साहू ‘सुधा’ को सम्मानित किया। रजनी साहू को उनका काव्य संग्रह ‘स्वयंसिद्धा’ के लिए रजत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्यों,प्रतिनिधि और पदाधिकारियों के साथ जानेमाने व्यक्ति भी सम्मिलित रहे। भजन सम्राट अनूप जलोटा,अभिनेता आशुतोष राणा, प्रगीत रमेश पंडित, मनोज जोशी की उपस्थिति भी देखी गई।

यह कार्यक्रम 23 मार्च की संध्या को बांद्रा पश्चिम में स्थित रंग शारदा सभागार में हुई। जिसमें हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देनेवाले विद्वानों, कलाकारों और विभूतियों को सम्मनित किया गया। इस अवसर पर अकादमी द्वारा हिंदी साहित्य के विविध विधाओं में कुल 123 पुरस्कार दिये गए।

रजनी साहू एम.एस सी.(रसायन शास्त्र) और एम. ए. (हिन्दी) में उत्तीर्ण है, बस्तर पाति मासिक पत्रिका की सह संपादक और आर्ट ऑफ लीविंग में टीचर है। साथ ही सुधा साहित्य समाजिक संस्था की अध्यक्ष है। यह संस्था उन्होंने अपनी माता स्वर्गीय सुधा साहू की स्मृति में बनाई है । इस संस्था के द्वारा वे सामाजिक कार्य के साथ-साथ साहित्य के विकास में ध्यान देती हैं। कई साहित्यिक कार्यक्रमों के साथ-साथ समाजोपयोगी कार्यों के लिए तत्पर रहतीं हैं । उन्हें बचपन से लेखन में रूचि थी उनका मानना है कि जब वे आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ी तब इनका लेखन कार्य और अधिक फलीभूत हुआ वहाँ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होंने फिर से लिखना प्रारम्भ किया ।
साहित्य की सभी विधाओं में इनका कार्य सराहनीय है।
रजनी साहू की अभी तक तीन काव्य पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है जिसमें प्रथम सहस्त्रधारा, द्वितीय स्वयंसिद्धा और तृतीय सत्यम् शिवम् सुंदरम् है। इनका आलेख और हाइकु , क्षणिकाऍं, कविताऍं आदि अनेक पत्र पत्रिकाओं में छपती रहती है। अविराम साहित्यिकी, बस्तर पाति आदि में इनकी कृतियाॅं छपती रहती है। सेवा सदन की शब्द लिखेंगे इतिहास(साझा लघुकथा संग्रह) में इनकी लघुकथा पुरस्कृत हो चुकी है। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई में सम्मनित होने पर रजनी साहू बेहद प्रसन्न है। उनका कहना है कि वे सदैव साहित्य के लिए साहित्य के लिए समर्पित रहेंगी । साथ ही समाजसेवा और लोकसेवा का कार्य करती रहेंगी । रजनी साहू की काव्य रचना में शब्दों का संयोजन एक अलग स्तर का रहता है। इनकी कविताओं के भाव भी गूढ़ और प्रभावी होते हैं। यह ज्यादातर प्रकृति,जीवन के रहस्य और ईश्वरीय सत्ता को इंगित करने वाली कविताएं होती है। इनकी कथा और संस्मरण भी गूढ़ तत्वों से भरे होते हैं ।

Share this Article

You cannot copy content of this page