गौसुलवारा कॉन्फ्रेंस में उमड़ा जनसैलाब,हजारों की भीड़ ने किए सय्यदी के दीदार

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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काेरबा। NOW HINDUSTAN कोरबा की सरजमीं पर इस्लाम के नबी हजरत मोहम्मद के 28 वीं पीढ़ी और गौसे आजम (इराक) के 18 वें पीढ़ी के वंशज एवं प्रिंस ऑफ इराक की आमद से कोरबा में उनके दीदार के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा कोरबा CSEB चौक से सय्यदी का काफिला निकलते ही फूलों की बारिश शुरू हो गयी TP नगर चौक,शारदा विहार चौक,जामा मस्जिद और फिर कोरबा के कब्रिस्तान पहुच कर मरहुमीन के इसाले सवाब दुआएं मगफिरत की गई ।

हिंदुस्तान बेहद ही खूबसूरत और अमन पसंद मुल्क है। यहां आवाम के दिलों में बड़ी मोहब्बत है। मैं तहे दिल से उनकी इस मोहब्बत का इस्तेकबाल करता हूं। मैं दुनियाभर में अमन-चैन का पैगाम लेकर जाता हूं। अमन के इस पैगाम को लेकर आपके शहर आया हूं। आर्थिक मुश्किलों के चलते जो लोग बगदाद नहीं जा पाते, उनके लिए बगदाद ही यहां उनके घर आ गया है। आइए और बगदाद से मिले.

उक्त कथन मुस्लिम समाज के धर्म गुरु सल्लल्लाहू अलैहे वसल्लम (पैगम्बर मोहम्मद साहेब) के 28वीं पीढ़ी व गौस-ए-पाक की 18वीं पीढ़ी के शहजादे प्रिंस आफ ईराक अश्शाह हजरत अल शैख अल सैय्यद हाशिम अल गिलानी अल हसनी वल हुसैनी अल कादरी अल बगदादी के हैं। वे पुरानी बस्ती निवासी हाजी मोहम्मद साकिर के घर पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ऐसा मुल्क है, जहां 100 साल से ही नहीं, उससे पहले मंगोलियन काल से उनके पूर्वजों का आना-जाना रहा है। हिंदुस्तान एक बड़ा और वृहद लोकतांत्रिक देश है। हिंदुस्तान में मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार है। उन्होंने भारत में बसने वाले मुस्लिम बंधुओं के लिए उनका क्या संदेश है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं उनसे यही कहना चाहूंगा कि बेहतर कल के लिए एक-दूसरे से जुड़ें, बेहतर उम्मीद के लिए एक-दूसरे को सुनें, हमेशा अपनी आंखों से देखें। अल्लाह सूरत को नहीं देखते, वे हमेशा इबादत करने वाले के दिल को देखते हैं, इसलिए अपने दिल से उनकी इबादत करें.

 

मंच से पैगम्बर मोहम्मद साहब) के 28वीं पीढ़ी व गौसे पाक के 18 वीं पीढ़ी के शहजादे औलादे गौसे आजम प्रिंस ऑफ इराक हुजूर “अश्शाह हज़रत अल शेख अल सैय्यद हाशिम अल गीलानी अल हसनी वल हुसैनी अल कादरी अल बगदादी” मदजिल्लहुल आली ने हजरत मोहम्मद एवं हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी गौसे पाक के कुछ वाक्यातों का जिक्र करते हुए उनकी महत्ता पर प्रकाश डालते हुए हजरत गरीब नवाज के हिंदुस्तान आने के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने बताया कि गौसे आजम के हुक्म से ही हजरत गरीब नवाज हिन्द में तशरीफ़ लाये और यहां इस्लाम की तबलीग की ।

 

कार्यक्रम के आयोजक मरकजी सीरत कमेटी की तारीफ करते हुए सय्यदी ने मरकजी सीरत कमेटी के ओहदेदारनो मिर्जा आसिफ बेग(निशु)और मोहसिन मेमन,साबिर खान,रिंकू खान को मंच पर आमंत्रित कर बगदाद शरीफ की निशानी देकर सम्मानित किया गया

कार्यक्रम के अंत मे उपस्थित लोगों को कलमा पढ़ाकर मुरीद होने की प्रक्रिया को मुकम्मल किया पीरा मजोल नारे तकबीर अल्लाहो अकबर से गूंज उठा ।

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