राताखार की सरकारी जमीन पर कब्जा कर बेचा, हाईकोर्ट मैं 3 माह के भीतर कब्जा खाली करा कर देनी होगी जानकारी…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
3 Min Read

कोरबा NOW HINDUSTAN शहर के राताखार स्थित शासकीय भूमि जिसका खसरा नंबर 74 बाते एक जो पूर्व में बड़े झाड़ के जंगल के मद में राजस्व अभिलेखों में दर्ज रही है पर कब्जा कर उसे टुकड़ों में दर्जन भर लोगों से अधिक को बेच दिया गया। मामले की शिकायत प्रशासन से किए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। जिसे लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर में जनहित याचिका दायर की गई। जिस पर छत्तीसगढ़ शासन छत् व जिला प्रशासन शासकीय वकील ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष कब्जाधारियों के विरुद्ध धारा 248 भू राजस्व संहिता के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर संज्ञान लिया जाना बताया है। जिस पर जिला प्रशासन के द्वारा शासकीय भूमि पर से कब्जा हटाने की कार्यवाही करना व्यक्त करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति के समक्ष तीन माह के भीतर जमीन पर से कब्जा हटाकर रिपोर्ट पेश करना व्यक्त किया है।
राताखार बजरंग चौक निवासी गोपाल शर्मा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि राताखार क्षेत्र के खसरा नंबर 74/1 में बड़े पैमाने पर बेजा कब्जा किया गया है। वार्ड क्रमांक 2 राताखार बस्ती निवासी रणविजय सिंह उर्फ रणवीर सिंह वह उसके भाइयों ने अपने बाहुबल बल पर शासकीय भूमि पर कब्जा करते हुए उसे अपनी जमीन बताते हुए दर्जन भर लोगों से अधिक लोगों को प्लाट काटकर महंगे दरों पर बेच दिया है। जिस पर गोपाल शर्मा ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर व एसडीएम से की थी। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने हाईकोर्ट बिलासपुर में जनहित याचिका दायर की। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की युगलपीठ में हुई। सरकारी वकील का कहना है कि कलेक्टर ने छग की धारा 248 भू राजस्व संहिता के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर पहले ही संज्ञान ले लिया है। भू राजस्व संहिता कलेक्टर के समक्ष विचाराधीन है। कोर्ट ने सरकारी वकील की दलील सुनने के बाद तीन महीने की अवधि के भीतर शीघ्रता से शासकीय भूमि पर से कब्जा हटाने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि मामले में हाईकोर्ट ने तीन माह का समय प्रतिवादी पक्ष की ओर से लिया गया है। हाईकोर्ट ने तीन माह के भीतर कब्जा हटाने की रिपोर्ट पेश करने कहा है। प्रकरण में सचिव छत्तीसगढ़ शासन राजस्व मंत्रालय, कलेक्टर कोरबा, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा, तहसीलदार कोरबा व रणविजय सिंह उर्फ रणवीर सिंह को प्रतिवादी बनाया गया था मामले में उच्च न्यायालय बिलासपुर ने जनहित याचिका को स्वीकार किया है।

Share this Article