NOW HINDUSTAN कोरबा शहर के आसपास जंगल क्षेत्र स्थित है और इससे लगे ग्रामीण इलाके भी हैं। इन जंगलों से होकर अक्सर बंदर शहर के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। उनका उत्पात तथा बंदर का आना लोगों के लिए भय मिश्रित कौतूहल का विषय भी बना रहता है।
लगभग 2:30 बजे कोरबा तहसील कार्यालय परिसर में एक बंदर पहुंच गया और उत्पात मचाता रहा। बंदर के कारण यहां के कर्मचारी, अधिवक्ताओं और आने वाले पक्षकारों में अफरा-तफरी का भी माहौल देखा गया। बंदर कभी किसी के सिर पर तो कभी किसी के कंधे पर जाकर बैठता रहा। तहसीलदार व नायब तहसीलदार कार्यालय/न्यायालय के दरवाजे बंद कर दिए गए ताकि बन्दर भीतर न घुस सके।
आम लोगों ने बड़ी सावधानी से उसे अपने से दूर रखने की कोशिश भी की तो अधिकांश लोग उससे डरते भी रहे। बताया जा रहा है की सूचना देने के 1 घंटे बाद भी यहां बंदर को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचे हैं। जबकि तहसील कार्यालय से कुछ ही दूरी पर कोरबा वन मंडल और रेंज कार्यालय स्थित है।
तहसील कार्यालय में घुसकर बंदर के उत्पाद मचाने से मची अफरा-तफरी…..
