फर्म को ब्लेक लिस्ट करना दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई माना उच्च न्यायालय ने, जारी किया गया आदेश निरस्त….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
5 Min Read
img-20250815-wa00314131028982118334597.jpg
img-20250815-wa00269027203421394155435.jpg
img-20250815-wa00344844091133042593781.jpg
img-20250815-wa00254065722420720336420.jpg
img-20250815-wa00226443505341784515266.jpg
img-20250815-wa00276494074272031577313.jpg
img-20250815-wa00213974614546142632636.jpg
img-20250815-wa00286974220339349032018.jpg
img-20250815-wa00367330815725150564262.jpg
img-20250815-wa00373685487173917875078.jpg
img-20250815-wa00321731001846999225301.jpg
img-20250815-wa00307845593692095186921.jpg
img-20250815-wa00204251922578594533962.jpg
img-20250815-wa00297687487083572196947.jpg
img-20250815-wa00237087508159403264964.jpg
img-20250815-wa00171980826007192821476.jpg
img-20250815-wa0016236588182108339660.jpg
img-20250815-wa00338372467261499366982.jpg
img-20250815-wa0035526805330170864712.jpg
img-20250815-wa00187117428397454544915.jpg
img-20250815-wa00157466015972877064355.jpg
img-20250815-wa00248263757655289265295.jpg
img-20250815-wa00192807060788727490822.jpg

NOW HINDUSTAN कोरबा। नागरिक आपूर्ति निगम के साथ मजदूर आपूर्ति के लिए अनुबंधित की गई फर्म को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने एवं अमानत राशि 16 लाख रुपए जब्त कर लेने के आदेश प्रबंध संचालक के आदेश 22 दिसंबर 2022 को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर 50 हजार रुपए का अर्थदण्ड आरोपित किया है। कोरबा की उक्त फर्म को बड़ी राहत मिली है कि वह काली सूची से बाहर निकाल दी गई है और उसके जप्त किए गए अमानत राशि 16 लाख रुपए की वापसी होगी।

- Advertisement -

जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, कोरबा के अधीन ट्रांसपोर्ट कंपनी की संचालक कविता जैन पति महावीर जैन 42 वर्ष, मेन रोड कोरबा द्वारा अनुबंध किया गया था। पंजीकृत फर्म लोडिंग व अनलोडिंग के लिए मजदूरों की आपूर्ति के व्यवसाय में लगी हुई है। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए खाद्यान्न परिवहन एवं लोडिंग-अनलोडिंग के लिए मजदूरों की आपूर्ति हेतु निविदा के क्रम में याचिकाकर्ता कविता जैन के पक्ष में 19 अगस्त 2021 को कार्यादेश जारी किया गया और 26 अगस्त 2021 को दोनों पक्षों में समझौता हुआ। अनुबंध अवधि तक कार्य सफलतापूर्वक निष्पादित हुआ, इसके बाद प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम की सहमति से समझौता 3-3 महीने के लिए बढ़ाते हुए नए ठेकेदार की नियुक्ति तक कार्य प्रदान किया गया। वर्ष 2022 में 4 से 6 अक्टूबर के बीच नवरात्रि व दशहरा के कारण मजदूर, हमाल नहीं आने की सूचना विभाग के आदेश के संबंध में फर्म के द्वारा दी गई थी। इसके पश्चात् जिला प्रबंधक नान ने 1 नवंबर 2022 से तीन महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए अनुबंध बढ़ाने का प्रस्ताव दिया जिसमें पुराने दर पर मजदूर नहीं मिलने का हवाला देकर फर्म ने अनुबंध करने से इंकार कर दिया। इसके बाद मजदूरों की आपूर्ति करने में विफल रहने व समझौते का हवाला देकर खामियों के लिए फर्म को शो-कॉज नोटिस जारी कर 20 दिसंबर 2022 को प्रबंध संचालक ने 16 लाख रुपए की सुरक्षा राशि और 3 साल की अवधि के लिण् फर्म को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश जारी कर दिया।
इससे व्यथित (क्षुब्ध) होकर याचिकाकर्ता कविता जैन ने न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय में अधिवक्ता मनोज परांजपे ने पक्ष रखते हुए सारे तथ्यों से अवगत कराया। दोनों पक्षों को सुनने व अवलोकन उपरांत न्यायाधीश ने पाया कि प्रबंध संचालक के द्वारा दिया गया आदेश दुर्भावनापूर्ण/गलत इरादे से जारी किया गया और इस तरह 22.12.2022 को पारित आदेश को अपास्त करते हुए याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपए क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का निर्देश प्रबंध संचालक, नागरिक आपूर्ति निगम,रायपुर को जारी किया गया है। उक्त याचिका को न्यायालय ने निराकृत कर दिया है।
0 आचरण इतना गंभीर नहीं कि ब्लैक लिस्ट कर दें
न्यायाधीश ने इस याचिका में प्रबंध संचालक की कार्रवाई पर गंभीर टिप्पणी भी की है। न्यायालय ने समझौते की कंडिका 23.1 एवं 23.2 में स्पष्ट किया कि यदि ठेकेदार मजदूरों की आपूर्ति करने में विफल रहता है तो अनुबंध रद्द किए बिना निगम पूरा काम करेगा और अंतर राशि ठेकेदार व निगम से वसूल की जाएगी। वास्तविक नुकसान से 25 प्रतिशत अधिक वसूलने का हकदार होगा। ब्लैक लिस्टिंग के संबंध में विशिष्ट खंड-27.5 है, जिसके अनुसार यदि श्रमिकों की आपूर्ति का कार्य अनुबंध की शर्तों के विपरीत किया जाता है या यदि ठेकेदार के खिलाफ शिकायतें हैं, आपराधिक मामला दर्ज है तो अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा। सुरक्षा राशि जप्त कर ली जाएगी और नाम काली सूची में दर्ज कर लिया जाएगा। इस मामले में 31 अक्टूबर 2022 तक पार्टियों के बीच अनुबंध हुआ जो लागू था और 17 अक्टूबर 2022 को जब याचिकाकर्ता ने अनुबंध को 3 महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इंकार कर दिया तो नोटिस जारी कर आश्चर्यजनक तरीके से 26 अक्टूबर 2022 को ब्लैक लिस्टेट करने का आदेश पारित किया गया। याचिकाकर्ता पर सभी नोटिसों में एकमात्र आरोप लगाया जा सकता है कि उसने 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक मजदूरों की आपूर्ति नहीं की किन्तु यह आचरण इतना गंभीर नहीं था कि काली सूची में डालने और अमानत राशि जब्त करने का आदेश दिया जाए।

 

img-20250815-wa00618427966037665027934.jpg
img-20250815-wa00496564263619387711534.jpg
img-20250815-wa00634662311351702792994.jpg
img-20250815-wa00538755306696966685205.jpg
img-20250815-wa00644358960862020890485.jpg
img-20250815-wa00556972777417982808946.jpg
img-20250815-wa00583024599160405386910.jpg
img-20250815-wa00577161609858391180462.jpg
img-20250815-wa00548186437195648813961.jpg
img-20250815-wa00486777024452516654586.jpg
img-20250815-wa00561799974225889532055.jpg
img-20250815-wa00508824369669106137420.jpg
img-20250815-wa00514501129485852987343.jpg
img-20250815-wa0059635144289148228875.jpg
img-20250815-wa00411422396520703298742.jpg
img-20250815-wa00528529697645525459183.jpg
img-20250815-wa00458708325759642261795.jpg
img-20250815-wa00404069895138546682002.jpg
img-20250815-wa00602721080597422525888.jpg
img-20250815-wa00442525315831446449838.jpg
img-20250815-wa00623489792447745327793.jpg
img-20250815-wa00437812597868415016435.jpg
img-20250815-wa00466495848868203242143.jpg
img-20250815-wa00474886361752092182382.jpg
img-20250815-wa0042457055981341619498.jpg

Share this Article