निजी ठेका कंपनी के वाहन चालकों ने एसीसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का किया घेराव-खदान कार्य प्रभावित……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल गेवरा में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मियों ने काम बंद कर महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया। उनका कहना है की निजी कंपनी उनको केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान नहीं कर रही है। आधा वेतन खाते में और शेष नकद में देते हैं। 25000 प्रतिमाह के वादे के विपरीत वेतन भी कम दिया जा रहा है।

एसईसीएल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा की “इस संबंध में एसईसीएल प्रबंधन को भी अवगत कराया गया हैं परंतु सब कुछ जानते हुए भी एसईसीएल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है। यही वजह है जो उनका आक्रोश फूट पड़ा और सैकड़ों वाहन चालकों ने अपनी मांगों को लेकर एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया।”

वाहन चालकों ने आगे बताया कि काफी लंबे समय से वे इस निजी कंपनी में कार्यरत हैं। इसकी चार और शाखाएं हैं, जो कोयला उत्खनन का काम करती है। सभी शाखा में अलग-अलग कर्मचारी हैं, जिनका वेतन अलग-अलग है। ऐसे में समान वेतन सबको नहीं मिल पा रहा है और न हीं उनको ईएसआईसी जैसी कोई मेडिकल सुविधा मिल पा रही है। इन बातों को लेकर वे आंदोलन करने के लिए मजबूर हुए। उन्होंने एसईसीएल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगा उसके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

उल्लेखनीय हैं कि यह निजी कंपनी खदान के भीतर कोयला खनन का कार्य करती है। वाहन चालकों के हड़ताल पर चले जाने से खदान के भीतर उत्खनन का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है। खदान के भीतर वाहनों की लंबी कतार लग गई है।
वाहन चालकों ने यह भी आरोप लगाया हैं कि उनका जो पीएफ काटा जा रहा है, वह भी अधिक है। कायदे से 1800 रूपए प्रतिमाह कटना चाहिए पर 3600 रूपए की दोगुनी राशि काट ली जाती है। पूछने पर कहते हैं कि सरकार के नियम के अनुसार ही कटौती की जा रही है। किसी को 15000 तो किसी को 18000 वेतन दिया जाता है। इसके पहले भी कंपनी के ठेका श्रमिकों ने मार्च 2024 में कोल माइंस अधिनियम, समान वेतन और मेडिकल की सुविधा दिए जाने की मांग को लेकर पहले दो खदान में काम बंद कर गेवरा उप महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना दिया था। अब वाहन चालकों ने मोर्चा खोल दिया है।

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