स्वास्थ्य विभाग ने तापाघात के लक्षण व बचाव के संबंध में दिए उचित परामर्श…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN korba ग्रीष्म कालीन मौसम प्रारंभ होने तथा नौतपा शुरू होते ही लोग प्रचंड गर्मी के हालात को लेकर लोग हलाकान हो रहे है। नौतपे में चल रही तापाघात (लू) के कारण लोगों के स्वास्थ्य में भी असर दिख रहा है, अस्पतालों में डीहाईड्रेशन के तथा तापाघात लगने के मामले बढ़ने लगे हैं, जो कि घातक या जानलेवा हो सकती है। कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी ने जिले के नागरिकों से कहा है कि गर्मी के मौसम में तापाघात से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों व परामर्श को अपनाएं तथा स्वयं और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।

डॉ. केशरी ने तापाघात के संबंध में बताया कि जिले में लगातार मौसम परिवर्तन के बाद अब धूप गर्मी एवं नौतपा प्रारंभ हो गई है, जिसके कारण तापाघात लगने की संभावना बढ़ गई है। सूर्य की तेजगर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान में विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे शरीर में पानी, खनिज लवण और नमक की कमी हो जाती है इसे तापाघात लगना या हीट-स्ट्रोक कहा जाता है। पर्याप्त मात्रा में पानी एवं पेय पदार्थाे का सेवन ना करने से व्यक्ति निर्जलीकरण के शिकार हो सकते हैं तथा समय पर उपचार ना मिलने से स्वास्थ्यगत् समस्याएं भी हो सकती है।

उन्होंने तापाघात से सतर्क रहने हेतु गर्मी के दिनो में हमेशा घर से बाहर जाते समय सफेद सूती या हल्के कपड़े पहनने, भोजन कर तथा पानी पीकर ही बाहर निकलने, गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर गमछे से ढककर ही निकलने, छतरी एवं रंगीन चश्मे का प्रयोग करने गर्मी में अधिक मात्रा में पानी पीने, ज्यादातर पेय पदाथों का सेवन करें, अनावश्यक बाहर ना जाने, बच्चों बुजुर्गाे व गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने, उन्हें समय-समय पर पानी पीने के लिए प्रेरित करने एवं सुपाच्य भोजन एवं तरल पदाथों का सेवन कराने, अधिक समय तक धूप में व्यायाम तथा मेहनत का काम ना करने, धूप में नंगे पॉव ना चलने आदि सावधानियों को अपना कर स्वयं को तापाघात से बचने हेतु परामर्श दिया।

* तापाघात के लक्षण

तापाघात का शिकार होने पर व्यक्ति में सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना आना, बेहोशी आना, चक्कर आना, सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐंठन तथा त्वचा लाल एवं सूखी होना आदि लक्षण होते हैं।
तापाघात से बचाव
तापाघात होने पर रोगी को छायादार स्थान पर लिटायें एवं गीले कपड़े से हवा करें। रोगी के बेहोश होने की स्थिति में उसे कोई भी भोज्य/पेय पदार्थ न दें एवं तत्काल चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराएं। रोगी के होश में आने की स्थिति में उसे ठंडे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पना आदि का सेवन कराएं। रोगी के शरीर के तापमान को कम करने के लिए उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियॉं रखें। तापाघात से प्रभावित व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।

सीएमएचओ ने बताया कि जिले के मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में तापाघात से बचाव हेतु पर्याप्त मात्रा में आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयॉं एवं ओ.आर.एस. की उपलब्धता है। बचाव हेतु उपरोक्तानुसार तरीकों की अवश्य अपनाएं तथा स्वयं को सुरक्षित रखें।

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