NOW HINDUSTAN. Korba. जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला निवासी विक्रम कुमार जायसवाल ने खुद को कोरबा जिले का एडीएम बताकर प्रयागराज के अस्पताल में गलत जानकारी दी है। मामले में कोरबा प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया है कि जिले में इस नाम का व्यक्ति एडीएम नही है।
बताया जा रहा हैं की रविवार को प्रयागराज माघ मेले में विक्रम जायसवाल परिवार सहित मेला घूमने निकले थे, तभी उनको अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वहां वे आईसीयू में भर्ती है। अस्पताल में उन्होंने खुद को कोरबा का एडीएम बताया है।
कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने इसका खंडन करते हुए कहा हैं कि विक्रम कुमार जायसवाल नाम का व्यक्ति जिले में एडीएम के पद पर कार्यरत नही है। कोरबा निवासी विक्रम कुमार जायसवाल अपनी पत्नी और बेटे के साथ प्रयागराज में सेक्टर 24 हर्षवर्धन चौराहे के पास किसी घर में ठहरे हैं। जब वह अपने परिवार के साथ मेला घूमने निकले, तभी अक्षयवट के पास उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। देखते ही देखते थोड़ी देर में वह बेहोश हो गए।
घटना के बाद उन्हें तत्काल मेले के सेक्टर दो स्थित केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार में हृदयाघात की पुष्टि होने के बाद छावनी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया। अस्पताल में उन्होंने खुद को कोरबा का एडीएम बताया और होश में आने के बाद मकर संक्रांति पर स्नान की इच्छा जताई।
जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने किया खंडन
उत्तरप्रदेश में खबर प्रकाशित होने के बाद जब कोरबा प्रशासन से जानकारी ली गई। कोरबा के जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने स्पष्ट किया कि उनके जिले में इस नाम का कोई एडीएम कार्यरत नहीं है। जिला अधिवक्ता संघ के सचिव नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि विक्रम जायसवाल एक अधिवक्ता हैं जो स्टेट बार काउंसिल में रजिस्टर्ड हैं, लेकिन जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य नहीं हैं। विक्रम कुमार जायसवाल के फर्जी पहचान मामले में अब प्रशासन ने जांच की बात कही है। एक वकील ने खुद को एडीएम क्यों बताया इसकी जांच की जा रही है।