NOW HINDUSTAN कोरबा जिले के कटघोरा तहसील में इस समय बिजली से संबंधित विभाग की अकर्मण्यता, लापरवाही के कारण बिजली विभाग बिजली आपूर्ति करने में फिसड्डी साबित हो रहा है। आग बरसाती गर्मी के दिन में भी कई बार विभाग के द्वारा अघोषित बिजली कटौती से आमजन त्रस्त है। दिन में कब, कितनी बार और कितनी देर के लिए बिजली गुल हो जाये इसका कोई ठिकाना नही है। अगर संबंधित विभाग के आलाधिकारी/कर्मचारी से इस संबंध में जानकारी लेना चाहे तो विभाग का कोइ फोन नही उठाता। अगर किस्मत अच्छी रही और फोन उठ गया तो मेंटेनेंस या कही फाल्ट आ जाने का हवाला दिया जाता हैं।
कटघोरा में बिजली विभाग पिछले कई दशकों से अपनी दशा नही सुधार पाया है, हल्की सी हवा या मौसम की गडग़ड़ाहट हुई नही की बिजली गुल हो जाती हैं आखिर बिजली विभाग कब तक अपनी दशा सुधरेगा यह यक्ष प्रश्न पूरा कटघोरा नगर पुछ रहा हैं।
एक तरफ भीषण गर्मी में लोग तपती धूप से हलाकान है, वही बिजली की आंख-मिचौली से जनता त्रस्त हैं। समझ से परे है आखिर बिजली विभाग क्यो अपनी दशा सुधार नही पा रहा।
एक और बिजली विभाग ने बिजली चोरी रोकने केबल का जाल बिछा दिया, लेकिन जब उन केबलों में निरंतर बिजली ही नही दौड़ती तो केबल का जाल बिछाने का क्या फायदा। अगर उपभोक्ता अपरिहार्य कारणों से कुछ माह तक बिजली का भुगतान नही कर पाता तो संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपभोक्ता को ऐसे खाने को दौड़ते है जैसे उसने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो। यहां तक की उनका कनेक्शन भी काट दिया जाता है। लेकिन उन उपभोक्ताओं का क्या जो समय पर बिजली भुगतान कर रहे हैं।
विभाग द्वारा हर बार मेंटेनेंस या खराबी का हवाला देने से काम नही चलेगा। विभाग हर साल मेंटेनेंस व सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर देता है, फिर भी उपभोक्ताओं को बिजली बराबर नही पाती। अगर विभाग को कोई मेंटेनेंस कार्य करना होता है, तो उसकी जानकारी उपभोक्ताओं को पहले सुनिश्चित करानी होती है ताकि उपभोक्ता अपने जरूरत के कार्य बिजली रहते पूरा ले, लेकिन ऐसा लग रहा हैं की कटघोरा में लापरवाह बिजली विभाग को उपभोक्ताओं से कोई सरोकार नहीं है।
ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति और बद से बदतर है, यहां एक बार बिजली गुल हुई तो बिजली आने में सप्ताह भर लग जाता हैं। जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को वन्यप्राणियों का खतरा बना रहता है और बिजली गुल होने के कारण कई बार हादसे हो जाते हैं। सरकार को भी आवश्यकता है कि बिजली विभाग की दशा में कोई ठोस कदम उठाए ताकि आमजनता को बराबर बिजली उपलब्ध हो सके।