विस्तार के साथ कुसमुंडा मेगा माइंस से 55 लाख टन कोयला हर साल उत्पादन करने की योजना है। इसलिए बार-बार जमीन अधिग्रहण के अलावा यहां से जुड़ी हुई चुनौतियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
Media error: Format(s) not supported or source(s) not found
Download File: https://nowhindustan.in/wp-content/uploads/2024/07/VID-20240725-WA0007.mp4?_=1
मिट्टी कटिंग से हो रही समस्या
इन सब के बीच यह परियोजना मुश्किल में फंसी हुई है। खबर के अनुसार 2 दिन से हो रही बारिश के कारण माइंस के भीतर पानी घुस गया है। जिससे कामकाज बाधित हो गया है। मिट्टी कटिंग में समस्या हो रही है।
खदान में बड़ी संख्या में मशीन मौजूद
खदान क्षेत्र में बड़ी संख्या में मशीन मौजूद हैं। प्रबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती खदान में घुसे पानी की निकासी के साथ-साथ वहां पर फंसे हुए अपने वाहनों और संसाधनों को सुरक्षित रूप से निकाला जाए।
कामकाज ठप, करोड़ों का नुकसान
बुधवार को कोयला खनन का कामकाज नहीं होने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। जबकि ओवर बर्डन नहीं हटने से दूसरे कामकाज भी बाधित हो गए हैं। मौजूदा घटनाक्रम से अब तक के नुकसान और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है इस बारे में जानकारी नहीं मिली है।
SECL कर्मचारियों के मकान में गुसा पानी
कोरबा जिले के गेवरा, दीपका कोल फील्ड्स के आवासीय क्षेत्र में भी पानी घुस गया है। मुख्य मार्ग से लेकर प्रगति नगर कॉलोनी पानी से तरबतर हो गई। SECL कर्मचारियों के मकान के भीतर तक पानी घुस गया। भाजपा पार्षद अरुनीश तिवारी ने क्षेत्र का जायजा लिया।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
उन्होंने आरोप लगाया कि समस्या के निराकरण करने के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए, लेकिन ईमानदारी नहीं दिखाई गई। वर्तमान में जो तस्वीर बनी हुई है, वह उसी का नतीजा है। इसलिए जांच के साथ दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए