दीपका-हरदीबाजार बायपास मार्ग, हादसों का बना अखाड़ा, टेलर और मोटरसाइकिल में भिड़ंत….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. एसईसीएल गेवरा दीपका कोलफील्ड लिमिटेड क्षेत्र के अंतर्गत दीपका से हरदीबाजार बायपास मार्ग को कई संघर्षों  के बाद नया सड़क निर्माण किया गया है । इस सड़क से 24 घंटे एसईसीएल की कोयला खदानों से सैकड़ो की संख्या में कोयला गाड़ियों से कोल ट्रांसपोर्टिंग किया जाता है साथ ही इस मार्ग से बड़ी संख्या में प्रतिदिन अपनी रोजमर्रा के लिए आम नागरिकों के साथ ही विभागीय कर्मचारियों का आना-जाना रहता है। जबकि इस सड़क की सुरक्षा व्यवस्था, पानी छिड़काव व देखरेख एसईसीएल गेवरा दीपका प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है प्रबंधन अपने जिम्मेदारी को पूरा करने में असफल साबित हो रही है । ना हीं पानी छिड़काव, ना स्ट्रीट लाइट, छोटे गाड़ियों के डिवाइडर के नाम पर खानापूर्ति किया जा रहा है।

दीपका हरदीबाजार बायपास मार्ग में इसका जीता जागता उदाहरण है यहां सैकड़ो की तादात में घटनाएं-दुर्घटनाएं हो चुकी है । हाल ही में बलवंत सिंह उम्र 27 वर्ष ग्राम सिंघिया कटघोरा ब्लॉक का रहने वाला युवक भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया।  जिसे गंभीर हालत में नेहरू शताब्दी गेवरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान डॉक्टर ने बलवंत सिंह की हालात बहुत नाजुक बताया गया है । अभी भी ट्रीटमेंट जारी है पीड़ित के परिवार स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं और  वही एसईसीएल प्रबंधन की व्यवस्था से नाराज व आक्रोशित हैं ।

छत्तीसगढ़ ठेका कामगार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष चौहान ने कहां कि एसईसीएल गेवरा दीपका के प्रबंधन सड़क की व्यवस्थाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है अपने कोयला व खनन विस्तार को ज्यादा अहमियत दे रही है क्षेत्र के आम नागरिकों के साथ एसईसीएल प्रबंधकों की रवैया ठीक नहीं है अगर अपनी जिम्मेदारी और जवाबदारी को बखूबी अच्छे से वहन व निभाती तो ऐसे सड़क हादसे नहीं होते ना तो सड़कों पर छोटे गाड़ियों का ढंग से डिवाइडर का व्यवस्था है ना ही पानी छिड़काव का कोई उत्तम व्यवस्था कर पाए हैं उन्होंने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन बाईपास सड़क के लिए लाखों का टेंडर जारी करते हैं लेकिन सड़कों पर सिर्फ पानी छिड़काव के नाम पर खानापूर्ति ही कागजातों में हो जाते है और सड़कों पर धूल के गुब्बारे खाने के लिए आम नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ती है धूल के गुब्बारे के कारण सामने से आने वाले टेलर गाड़ियां दिखाई नहीं देते जिसके कारण दुर्घटनाओं की घटनाएं हो जाती है चौहान ने आगे कहा कि प्रबंधन के द्वारा स्ट्रीट लाइट का भी टेंडर किया जाता है रात के समय आने जाने वाले राहगीरों को अंधेरे के कारण घटना की संभावना बनी होती है ये सब व्यवस्था की जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन सही तरीके से काम करती तो सड़क हादसों में कमी आती बलवंत सिंह के साथ घटना एसईसीएल प्रबंधन की नाकामी से हुई है उनके परिवार के साथ संवेदना है ऐसी व्यवस्था के खिलाफ छत्तीसगढ़ ठेका कामगार यूनियन चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी ।

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