NOW HINDUSTAN. Korba. दीपका क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता उमा गोपाल ने एसईसीएल प्रबंधक से अपील की है कि इलाके में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वैक्यूम क्लीनर गाड़ियों का संचालन किया जाए।
प्रदूषण का मुख्य कारण
दीपका और आसपास के गांवों में कोयले की खदानों और परिवहन के दौरान उड़ने वाली धूल के कारण प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच गया है। कोयले के कणों से हवा में घुलने वाले प्रदूषकों की वजह से स्थानीय निवासियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें सांस की समस्याएं, एलर्जी, और फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियां प्रमुख हैं।
स्थानीय निवासियों पर प्रभाव
प्रदूषण का सीधा प्रभाव दीपका के स्थानीय निवासियों के जीवन पर पड़ रहा है। कई परिवार स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो चुके हैं, और बच्चों व बुजुर्गों पर इसका गंभीर असर देखा गया है। इस समस्या ने इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा दिया है।
उमा गोपाल, जो लंबे समय से दीपका और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं, ने इस समस्या को गंभीरता से उठाते हुए एसईसीएल प्रबंधक से वैक्यूम क्लीनर गाड़ियों के संचालन की मांग की है। उनका कहना है कि इस उपाय से उड़ने वाले धूल और कणों को नियंत्रित किया जा सकेगा और लोगों को राहत मिलेगी।
दीपका के निवासियों ने भी उमा गोपाल की इस मांग का समर्थन किया है। लोगों का मानना है कि यह कदम प्रदूषण को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और क्षेत्र के पर्यावरण को बेहतर बनाएगा।
एसईसीएल प्रबंधन से निवेदन है कि इस पहल पर गंभीरता से विचार करें और जल्द से जल्द ठोस कदम उठाएं ताकि दीपका और आसपास के गांवों के लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सके।