कोरबा। फ़्लोरा मैक्स का विवाद अब सब के सामने आ गया है ।फ्लोरा मैक्स ने शहरी क्षेत्र ही नहीं उपनगरीय एरिया के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को भी नहीं बख्शा है। बुधवार को बालको, बाकीमोंगरा, मानिकपुर, मुड़ापार, मोती सागरपारा, बुधवारी, साहित कोरबा नगर निगम क्षेत्र से सैकड़ो की संख्या में महिलाएं शिकायत करने कलेक्टर कार्यालय पहुंची। महिलाओं ने फ्लोरा मैक्स कम्पनी के संचालक अखिलेश सिंह एवं उसके सहयोगियों के द्वारा कूटरचित, दस्तावेजों के माध्यम से पडयंत्र कर धोखाधड़ी किए रूपये 100 करोड़ से अधिक राशि हड़पने के सम्बन्ध में कड़ी कार्यवाही कर राशि वापस दिलाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।
शिकायत में कहा गया है कि अखिलेश सिंह द्वारा स्वयं को फ्लोरा मैक्स कम्पनी का मालिक बताकर अपना परिचय कराया गया। कम्पनी में उसके सहायक राजू सिंह, गुड़िया सिंह, मयाराम साहू, कु तनिपा बघेल, संतोषी साहू, बलराम सिंह ठाकुर है। महिलाओं को प्रधानमंत्री महिला रोजगार योजनान्तर्गत अत्यधिक लाभ अर्जित करने हेतु विभिन्न व्यवसायों में सलग्न होने के लिये प्रेरित किया गया। इसके लिये अखिलेश सिंह द्वारा अपनी कम्पनी में निवेश करने पर महिलाओं को विभिन्न व्यवसायों में संलग्न करने का प्रस्ताव रखा गया, और प्रति महिला रूपये 30,000/- (तीस हजार), जमा कराने को कहा गया। जब महिलाओं द्वारा उक्त राशि निवेश करने की हैसियत नहीं होना बताकर उक्त राशि की व्यवस्था कर पाने में अपनी असमर्थता व्यक्त की गई। तब अखिलेश सिंह द्वारा दस दस महिलाओं का समूह बनाकर लगभग 40000 (चालीस हजार) महिलाओं को जोड़ा गया है और व्यवसाय हेतु विभिन्न बैंकों से प्रति महिला रूपये 30,000/- (तीस हजार), का ऋण दिलाया गया है। साथ ही महिला समूहों को व्यवसाय के संचालन हेतु विभिन्न स्थानों पर दुकानें संचालित कराई गई। लगभग 40 दुकानों से नित्यप्रति की आवश्यकताओं की वस्तुओं का क्रय विक्रय किया जा रहा है। उक्त सामान के सम्पूर्ण सम्वयवहार की व्यवस्था अखिलेश सिंह द्वारा ही की जाती है।
उक्त राशि बैंक से प्राप्त होते ही अखिलेश सिंह समूह की प्रत्येक महिला से उक्त राशि अर्जित कर, प्रत्येक महिला को प्रतिमाह रूपये 2,700 रूपये देने का प्रलोभन दिया गया था, किन्तु अखिलेश सिंह द्वारा आवेदकगण से उक्त राशि अर्जित कर लेने के बाद भी कोई राशि का भुगतान आवेदकगण को नहीं किया जा रहा है। इसके के अतिरिक्त आवेदकगण पर विभिन्न बैंकों से लिये ऋण की किश्तों का भुगतान करने का अतिरिक्त दायित्व उत्पन्न हो गया है।अखिलेश सिंह द्वारा आवेदकगण के कम पढे लिखे एवं अबोध होने का अनुचित लाभ उठाकर योजनाबद्ध तरीके से पहले आवेदकगण को ऋण दिलाया गया। आवेदकगण के नाम पर संचालित खातों की पासबुक, चेकबुक, ए.टी.एम. कार्ड, अपने पास रख लिये गए। महिलाओं से अर्जित राशि अर्जित करने के बाद भी प्रत्येक महिला को दिये जाने योग्य प्रतिमाह रूपये 2,700 का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा कई बैंकों से लोन लिया गया है । अब ये सोचने वाली बात है कि कैसे एक व्यक्ति को कई बैंक लोन प्रदान कर दिए है। इसकी भी जांच होनी चाहिए । ऐसी कई बाते है जो जांच के बाद ही सामने आएगी ।