ठगी की शिकार महिलाओं ने खोला मोर्चा , कहा बैंक माफ करें गरीबों का कर्ज़……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. फ्लोरा मैक्स की ठगी के शिकार महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं महिलाओं का कहना है कि फ्लोर मैक्स के संचालक ने पहले प्रदेश के एक मंत्री से इसका उद्घाटन कराया फिर गरीब महिलाओं को सपना दिखाया कि उनके साथ जुड़ने से आए में से बढ़ोतरी होगी।  भरोसे में आकर महिलाओं ने अलग-अलग माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से पैसे लिए और उसमें निवेश किया।  महिलाओं का कहना है कि मंत्री से उद्घाटन कराकर संचालक ने पहले लोगों का भरोसा जीता फिर धोखा दिया।  इस कार्य के लिए उसे माफ नहीं किया जाना चाहिए उसे कड़ी से कड़ी सजा दिया जाना चाहिए।

फ्लोरा मैक्सी ठगी की शिकार महिलाएं सोमवार को बड़ी संख्या में कोरबा शहर में एकत्रित हुई घंटाघर चौक से महिलाओं ने आईटीआई चौक तक पैदल मार्च निकाला।  आईटीआई चौक पर पहुंचकर रैली सभा में तब्दील हुई लगभग 10 से 15 मिनट तक आईटीआई चौक पर खड़े होने के बाद महिलाएं सड़क की एक लेन पर धरने पर बैठ गई।  इसके पहले महिलाओं ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया और आरोप लगाया कि पहले गरीब महिलाओं का भरोसा जीत गया फिर उन्हें धोखा दिया गया।  महिलाओं ने कहा कि कंपनी के लिए काम करने वाली महिला टीम लीडरों ने गांव-गांव में पहुंचकर गरीब और भोले भाले महिलाओं से संपर्क किया और उन्हें बताया कि कंपनी सही है और भरोसेमंद है इसके लिए उन्होंने उन नेताओं का नाम बताएं जिन्होंने इसका उद्घाटन किया था।

महिलाओं ने कहा कि फ्लोरा मैक्स की महिला टीम लीडर महिला पुलिस कर्मियों के साथ खींचे गए फोटो को भी अपने साथ लेकर प्रचार कर रहे थे। कि उनकी कंपनी सही है इसका असर यह हुआ कि लोगों ने महिला टीम लीडरों पर भरोसा किया और अलग-अलग माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से कर्ज लेकर निवेश किया। महिलाओं ने प्रशासन से कहा कि अब उनकी राशि फ्लोर मैच में डूब गई है इस स्थिति में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का पैसा जमा करने के लिए उनके पास कोई राशि नहीं है। महिलाओं ने सरकार से इसमें ध्यान देने की मांग की और लोन माफ करने के लिए घोषणा करने को कहा । ताकि गरीब महिलाओं को राहत मिल सके ।

कटघोरा और पाली क्षेत्र से भी पहुंची थी ज्यादातर महिलाएं

आंदोलन में शामिल होने के लिए महिलाएं अलग-अलग क्षेत्र से कोरबा पहुंची थी इसमें कटघोरा और पाली की भी महिलाएं शामिल थी उन्होंने बताया कि फ्लोर मैक्स ने अपना जाल महिला टीम लीडरों के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचा था। टीम लीडर इनमें से संपर्क करती थी और कंपनी में राशि जमा करने के लिए प्रलोभन देते थे। पैसा नहीं होने की बात कहने पर महिला टीम लीडर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट से संपर्क करते थे और उनके नाम पर कर्ज निकलवाते थे।

महिलाओं की इस मांग को लेकर शासन प्रशासन कितना गंभीरता दिखता है और क्या इनकी लोन माफी की मांग को पूरी कर पता है। लेकिन एक बात तो गौर करने वाली है कि अभी तक सरकार के पास सही आंकड़े नहीं है जिससे कहा जा सके की कितनी महिलाओं से और कितने करोड रुपए की ठगी हुई है । साथ ही माइक्रो फाइनेंस कंपनी की भी भूमिका की जाच होनी चाहिए।

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