NOW HINDUSTAN. Korba. हसदेव बांगो बांध से रबी की फसल के लिए नहरों में पानी छोड़ दिया गया है। जिले के किसानों ने रबी की फसल के लिए पानी की मांगकरी थी। जिस पर 1 जनवरी को हसदेव बांगो बांध से नहरों में पानी छोडऩे पर सहमति बनी थी। जिसके तहत नहरों से पानी छोड़ा जा रहा है। इस बार बांयी तट के अलावा दांयी तट के नहरों में भी पानी पहुंचेगा। जांजगीर के सक्ती जिले के किसानों ने भी रबी फसल के लिए पानी की मांग करी थी। इस पर जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक दूसरी बार बुलाई गई थी जिसमें 5 जनवरी से पानी छोडऩे की सहमति बनी थी। सक्ती जिले के किसानों को दो साल बाद जाकर रबी फसल के लिए पानी मिलेगा।
हालांकि बताया जा रहा है कि पानी छोडने की सहमति बनने तक कुछ उप वितरक नहरों में मरमत का काम शुरू हो गया था। ऐसे में सिंचाई विभाग के अधीकारियों ने उन उप वितरक नहरों में पानी नहीं छोडऩे का निर्णय लिया है और संबंधित क्षेत्र के किसानों को रबी फसल लेने की स्थिति में पानी की व्यवस्था अन्य माध्यमों से करने की बात कही है। नहर से पानी मिलने के बाद अब किसान रबी फसल की तैयारी में जुटेंगे। हालांकि नहरों से पानी छोड़ दिए जाने से अब मरमत का काम नहीं हो पाएगा।
निस्तारी तालाबों को भरने निर्देश
रबी फसलों के लिए नहरों से पानी छोडऩे के साथ ही शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में निस्तारी तालाबों को भी भरने निर्देशित किया गया है ताकि गर्मी के दिनों में जहां लोगों को निस्तारी की समस्या न हो तो दूसरी ओर तालाबों के भरे रहने से वॉटर लेबल भी मेंटेन रहे। इसको देखते हुए ही बैठक में ही निस्तारी तालाबों को भरने के इंतजाम करने की बात कही गई थी।