फ्लोरा मैक्स की महिलाओं का तानसेन चौक पर अनशन, पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN.  कोरबा जिले के आईटीआई तानसेन चौक पर फ्लोरा मैक्स की महिलाओं का अनशन और चक्का जाम लगातार जारी है। महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान और प्रशासन से न्याय की गुहार को लेकर डटी हुई हैं। इस बीच महिलाओं ने पुलिस पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। आंदोलनकारी महिलाओं का कहना है कि प्रशासन उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वे अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने वाली नहीं हैं।

महिलाओं का आरोप और प्रशासन का रवैया

आंदोलनकारी महिलाओं का कहना है कि उनके आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस दबाव बना रही है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इन आरोपों के बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने महिलाओं से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। तानसेन चौक पर हो रहे इस चक्का जाम से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है।

गौरा पूजा में मंत्री राम विचार नेताम का आगमन

वहीं, कोरबा में गौरा पूजा का आयोजन भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अवसर पर मंत्री राम विचार नेताम का आगमन हुआ, जिनका ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। पूजा पंडाल में मंत्री के आगमन से लोगों में उत्साह देखने को मिला। आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और मंत्री ने आयोजकों को बधाई दी।

आईजी संजीव शुक्ला का कोरबा दौरा

इस बीच, बिलासपुर रेंज के आईजी संजीव शुक्ला भी कोरबा पहुंचे हैं। उनकी उपस्थिति ने आंदोलनकारियों और स्थानीय लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। हालांकि, आईजी के कोरबा दौरे का मुख्य उद्देश्य एक हत्याकांड के मामले का खुलासा करना है, जो हाल ही में जिले में हुआ था। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और जल्द ही हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का आश्वासन दिया।

आंदोलन और प्रशासनिक हलचल

आईजी की मौजूदगी से आंदोलनकारियों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जाएगा। महिलाओं का आंदोलन और प्रशासनिक हलचल एक साथ कोरबा जिले में देखने को मिल रही है।

कोरबा बना विरोध और उत्सव का केंद्र

कोरबा इस समय विरोध और उत्सव दोनों का केंद्र बना हुआ है। एक तरफ महिलाओं का संघर्ष और पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप, तो दूसरी तरफ गौरा पूजा के उत्सव में मंत्री राम विचार नेताम का आगमन। इन दोनों घटनाओं ने जिले में अलग-अलग तरह की चर्चा छेड़ दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन महिलाओं की समस्याओं का समाधान कब और कैसे करता है।

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