कोरबा बिलासपुर शहर एक महानगर के रूप में अपनी पहचान के साथ साथ स्मार्ट सिटी के नाम से जाने जाना लगा। जैसे जैसे शहर का विकास हुआ वैसे वैसे इस शहर में जमीन के दाम और जमीन कारोबार में भी जमकर इजाफा देखने को मिलने लगा। इसी का फायदा उठाने के लिए शहर के कुछ नामी गिरामी भी इस धंधे में कूद कर जमकर मोटी कमाई करने में लग गए।देखते ही देखते इनकी पैसे की भूख इतनी बढ़ गई। कि अब ये भूमाफिया के श्रेणी में अपनी पहचान बना ली और अपने बाहुबल और सत्ता की धमक और पैसे के दम में जमीन को कब्जा करना उसे बेचना खरीदना जैसे कारनामों को अंजाम देने लगे।लेकिन इससे भी इनकी भूख शांत नही हुई और अब ये लोग जबरन जमीन हथियाने का भी खेल कर रहे लोगो को उनकी जमीन बेचने के लिए उनको डराना धमकाने से भी पीछे नहीं हटते कोई नही मानता तो उनका अपहरण कर उन्हे टॉर्चर कर प्रताड़ित करते है। जमीन के भूखे ये भूमाफिया को किसी का डर नही है इसलिए खुलेआम ये किसी की भी जमीन पर कब्जा कर लेते है।
ऐसा ही एक मामला शहर के कोतवाली थाने में आया है जहां दयालबंद का नामी बदमाश एक भूमाफिया के साथ मिलकर मां – बेटे का अपहरण कर लिया और उनके साथ मारपीट कर बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दें कर उन्हे जबरन अपनी जमीन बेचने दबाव बनाने लगे। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी में एक ऋषभ पानीकर पहले भी मारपीट और अपहरण के मामले में जेल जा चुका है और दूसरा नरेंद्र मोटवानी भूमाफिया है।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार पीयूष गंगवानी की तोरवा में किराना दुकान है वही पर उनकी 4 हजार स्क्वायर फीट जमीन है। इस जमीन पर तोरवा के ही भूमाफिया और आदतन बदमाश ऋषभ पानीकर और नरेंद्र मोटवानी की नजर है। 20 अक्टूबर की शाम पीयूष गंगवानी अपनी मां के साथ स्कूटी में गोल बाजार सामान खरीदने जा रहा था। गांधी चौक मल्टीपरपज स्कूल के पास उन पर दोनों आरोप की नजर पड़ी। मां बेटे को रोककर उन्होंने बलपूर्वक अपनी कार में बिठा लिया और फिर उन्हें ऋषभ पानीकर के दयालबंद स्थित ऑफिस ले गए। जहां पहले से ही एक युवती मौजूद थी। नरेंद्र मोटवानी और ऋषभ पानीकर ने दोनों से कहा कि पैंडलवार हॉस्पिटल वाली जमीन उन लोगों को दे दे नहीं तो दोनों को जान से मार दिया जाएगा। जब पीयूष ने जमीन बेचने से मना किया तो दोनों गाली गलौज और मारपीट पर उतर आए। आरोपियों ने यह भी धमकी दी कि अगर पीयूष उनके नाम जमीन नहीं करता तो वहां मौजूद उनकी साथी युवती उसे दुष्कर्म के झूठे आरोप में फंसा कर जेल भेज देगी।
नरेंद्र और ऋषभ ने उसकी मां को भी जान से मारने की धमकी दी। दोनों मां-बेटे को करीब 1 घंटे तक ऑफिस में बंधक बनाकर रखा। काफी मिन्नत मांगने और थाने में शिकायत नहीं करने के वायदे पर दोनों को छोड़ा गया ।पीयूष ने बताया कि इससे पहले भी नरेंद्र मोटवानी और ऋषभ पानीकर उसका अपहरण कर उसे दयालबंद ऑफिस ले गए थे और वहां मारपीट की थी, लेकिन डर की वजह से वह थाने नहीं आया ।इसलिए उनकी हिम्मत बढ़ गई है। घटना के काफी दिनों बाद हिम्मत कर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 341 363 365 342 386 294 506 323 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। हालांकि पुलिस को देखकर दोनों भागने की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तारी के दौरान ऋषभ पानीकर के घर से 10.985 लीटर अंग्रेजी शराब भी मिला है, जिसे जप्त करते हुए पुलिस ने उसके खिलाफ आबकारी एक्ट की भी कार्यवाही अलग से की है ।इससे पहले भी कई मामलों में इन दोनों के नाम आ चुके हैं। ये केवल जमीन कारोबारी भर नहीं है, बल्कि जमीन हथियाने के लिए वे अपराध करने से भी गुरेज नहीं करते । ऐसे ही लोगों की वजह से आज सामान्य लोगों के पास कीमती जमीन होना खतरनाक बन चुका है।