रावघाट से जगदलपुर नई रेललाइन को मिली मंजूरी , रेल कनेक्टिविटी से खनिज संसाधनों के परिवहन में होगी आसानी……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. रायपुर भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने रावघाट जगदलपुर नई रेललाइन (140 किमी) परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस परियोजना पर 3513.11 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसका वहन केंद्रीय बजट से किया जाएगा। यह निर्णय बस्तर अंचल के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इस मंजूरी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार प्रकट किया है। बता दें कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में बस्तर के विकास को जो सपना वर्षों से संजोया गया था, वह अब ‘रावघाट जगदलपुर रेललाइन परियोजना से साकार होता दिख रहाते रावघाट-जगदलपुर रेललाइन को मिली स्वीकृति बस्तर की जनता के साथ सरकार की भावनात्मक प्रतिबद्धता और विकास के वादे की पूर्ति का प्रतीक है। यह रेलमार्ग बस्तर के लिए केवल एक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क नहीं, बल्कि एक नई जीवनरेखा है, जो लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और पर्यटन के बेहतर अवसरों से जोड़ेगा।

नक्सलवाद के उन्मूलन में भी मिलेगी मदद

इस रेल परियोजना की नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। विकास जब गांव-गांव तक पहुंचेगा, जब युवाओं को रोजगार मिलेगा, और जब जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सुविधाएं सुलभ होंगी तो हिंसा और भय की जगह उम्मीद और विश्वास का संचार होगा। बस्तर की धरती अब हिंसा और उपेक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि उम्मीद, अवसर और उन्नति की भूमि बनेगी। यह परियोजना न केवल बस्तर में रेल परियोजनाओं के विस्तार का प्रतीक है, बल्कि यह नए भारत में समावेशी विकास की मजबूत मिसाल भी है।

नई प्रस्तावित रेल लाइन

दल्ली राजहरा

रावघाट

नारायणपुर

कोंडागांव

बस्तर

जगदलपुर

किरंदुल

3513.11 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

140 किलोमीटर तक नई पटरी बिछाई जाएगी

03 जिले कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर पहली बार रेल मानचित्र पर

बस्तर का कायाकल्प करेगा यह प्रोजेक्ट

रावघाट-जगदलपुर रेललाइन से कोंडागांव और नारायणपुर जैसे पिछडे जिलों को पहली बार रेल मानचित्र पर स्थान मिलेगा। इससे आदिवासी अंचलों में यात्रा, पर्यटन और व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। यह रेलमार्ग बस्तर की सुंदर वादियों, ऐतिहासिक स्थलों और जनजातीय संस्कृति तक पर्यटकों की सीधी पहुंच को संभव बनाएगा, जिससे स्थानीय रोजगार और पर्यटन उद्योग को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति

रेल कनेक्टिविटी से खनिज संसाधनों के परिवहन, स्थानीय। उत्पादों की पहुंच और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में व्यापक सुधार होगा। यह क्षेत्रीय उद्योगों और किसानों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने में मदद करेगा। प्रस्तावित जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्णता की ओर है।

उन्नति की भूमि बनेगी। यह परियोजना न केवल बस्तर में रेल परियोजनाओं के विस्तार का प्रतीक है, बल्कि यह नए भारत में समावेशी विकास की मजबूत मिसाल भी है।

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