क्लबफुट से पीड़ित शिवांशु पोर्ते को चिरायु योजना से मिली नई जिन्दगी…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोडा के ब्राम्हिनपारा निवासी शिवांशु पोर्ते के जीवन की शुरूआत चुनौतियों से भरी थी। जन्म से ही उसका दाहिना पैर मुड़ा हुआ था। जिसे चिकित्सकीय भाषा में क्लबफुट कहा जाता है। यह एक जन्मजात विकृति जिससे बच्चे का सामान्य चलना-फिरना असंभव हो जाता है। आर्थिक रूप से सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले शिवांसु के माता पिता के लिए यह स्थिती चिंता और पीड़ा का कारण बन गई।

माह मई 2023 में शिवांशु जब 2 वर्ष का था आरबीएसके की चिरायु दल क्रमांक 3 के द्वारा ग्राम के ऑगनबाड़ी में आयोजीत स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के दौरान उसके इस स्थिती की पहचान की गई थी और उसके माता-पिता को चिरायु योजना के तहत मिलने वाले निःशुल्क इलाज की जानकारी दी गई , तथा उन्हें इलाज हेतु शासकीय मेडिकल कॉलेज कोरबा में भेजा गया। वहॉ हड्डी रोग विशेषज्ञ के द्वारा टेनोटॉमी ऑपरेशन ( टेनोटॉमी एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें लिगामेंट को काटा या विभाजित किया जाता है)| करके प्लास्टर चढ़ाया गया । इसके बाद उसके पैर में 04 बार प्लास्टर चढ़ाया गया और दवाईयॉ दी गई । इसके साथ ही शिवांसु को जूते भी प्रदान किया गया ताकि उसका इलाज स्थाई रूप से हो सके। आज शिवांशु पोर्त के पैर पूरी तरह से ठीक है और वह सामान्य बच्चों की तरह चलने फिर रहा है ।

उसकी माता श्रीमती संतोषी प्रधान ने कहा कि आज उनका बेटा अच्छे से चल फिर रहा है।ये सफलता केवल चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धि है बल्कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और चिरायु योजना की सक्रियता का प्रमाण है। समय पर पहचान और निःशुल्क उपचार होने से बच्चे के जीवन को नई दिशा मिली। संतोषी प्रधान ने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं चिरायु टीम का आभार माना है |

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