NOW HINDUSTAN. वाशिंगटन. संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने अगले पांच साल के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। बुधवार को जारी रिपोर्ट में डब्लूएमओ ने चेतावनी दी है कि 2025-29 के बीच दुनिया के तापमान में कोई राहत की उम्मीद नहीं है। इस अवधि में औसत वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने की 70% आशंका है, जो पिछले वर्ष की रिपोर्ट में 47% थी।
यह तापमान वृद्धि पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्य से ऊपर है। साथ ही अगले पांच वर्ष में कम से कम एक वर्ष 2024 से भी ज्यादा गर्म होगा। 2024 को अब तक का सबसे गर्म वर्ष माना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगले पांच वर्षों में कोई एक साल 1850-1900 के औसत तापमान से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रह सकता है, जबकि सतही तापमान 1.2 डिग्री से 1.9 डिग्री तक रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तापमान में बदलाव से अर्थव्यवस्थाओं व सतत विकास पर जलवायु जोखिम बढ़ेंगे।
1850-1900 के औसत तापमान से 1.5 डिग्री ज्यादा
80% संभावना है अगले पांच वर्ष में कोई एक वर्ष 2024 से भी ज्यादा गर्म होगा
चरम घटनाएं होंगी
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि तापमान की कोई भी वृद्धि चरम मौसम को और खराब कर सकती है। ज्यादा गर्मी, भारी वर्षा, सूखा, बर्फ का पिघलना, समुद्र का जलस्तर बढ़ना और समुद्र का तापमान बढ़ने जैसे मौसमी बदलाव आ सकते हैं।
कहां, कैसा असर
* 5 वर्षों में बारेंट्स सागर, बेरिंग सागर और ओखोटस्क सागर में बर्फ की मात्रा में कमी आएगी।
* दक्षिण एशिया के अलावा उत्तरी यूरोप, अलास्का और उत्तरी साइबेरिया में सामान्य से ज्यादा बारिश।
* अमेजन क्षेत्र में सूखे की आशंका।
हर वृद्धि के साथ बढ़ रहा खतरा… तापमान की हर बार के वृद्धि के साथ जलवायु जोखिम बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, भारत, चीन और घाना में बाढ़, कनाडा के जंगलों में आग इसी के संकेत हैं। लंदन के फ्रेडरिक ओटों ने कहा, हम पहले ही खतरनाक स्तर की गर्मी तक पहुंच चुके है।
दक्षिण एशिया में पांच साल ज्यादा बारिश
हालांकि इस बीच एक राहत भी है। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में हाल के वर्षों में (2023 को छोड़कर) देखा गया बारिश की यह प्रवृत्ति 2025-29 तक जारी रहने के आसार है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में से चार में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है और इस वर्ष भी सामान्य से ज्यादा बारिश होने की भविष्यवाणी की है।
राहत के संकेत नहीं
हमने पिछले दस वर्ष अब तक का सबसे गर्म दशक दर्ज किया है। यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों में राहत का कोई संकेत नहीं देती है और इसका मतलब है कि हमारी अर्थव्यवस्थाओं, हमारे दैनिक जीवन, हमारे पारिस्थितिकी तंत्र और हमारे ग्रह पर बढ़ते तापमान का नकारात्मक प्रभाव बढ़ेगा। को बैरेट, डब्ल्यूएमओ