छबड़ा पावर प्लांट को 120 लाख टन कोयला आपूर्ति पर मंडराया संकट……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. कोयला मंत्रालय ने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित छत्तीसगढ़ में खदानों से छबड़ा थर्मल पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति जारी रखने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। यह फैसला राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और एनटीपीसी के बीच छबड़ा पावर प्लांट को लेकर जॉइंट वेंचर से जुड़े मामले में आया है।

जॉइंट वेंचर में प्रशासनिक शक्तियां एनटीपीसी को दी गई हैं, जिससे प्लांट का प्रबंधन और नियंत्रण बदल गया है। अब नई कंपनी का गठन होना है। नई कंपनी को उन खदानों से कोयला आपूर्ति नहीं की जा सकती है, क्योंकि आवंटन की अनुमति केवल उत्पादन निगम को दी गई है। कोयला मंत्रालय ने इन्हीं प्रावधानों की याद दिलाते हुए उत्पादन निगम के अनुरोध को नहीं माना है। इस फैसले के बाद उत्पादन निगम प्रबंधन से लेकर ऊर्जा विभाग तक में खलबली मची है। जल्द ही दिल्ली में कोयला मंत्रालय के अफसरों के साथ बातचीत होगी। अभी छत्तीसगढ़ में परसा कांटा और ईस्ट बेसिन कोयला खदान से 70 लाख टन कोयला मिल रहा है। जब तक कंपनी का गठन नहीं हो जाता, तब तक प्लांट को कोयला मिलता रहेगा।

छबड़ा पावर प्लांट की वर्तमान क्षमता 2320 मेगावाट है। नई कंपनी को यहां दो यूनिट का और निर्माण करना है। हर एक यूनिट की क्षमता 660 या 800 मेगावाट की होगी, लेकिन निर्णय होना है। प्लांट को 120 लाख टन कोयले की आवश्यकता होगी। अभी हर वर्ष 70 लाख टन कोयला छत्तीसगढ़ से और 23 लाख टन कोयला कोयल इंडिया से आ रहा है। दो यूनिट बढ़ने पर अतिरिक्त 50 लाख टन कोयले की जरूरत होगी।

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