NOW HINDUSTAN korba. 9 जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को एसईसीएल में सफल बनाने के लिए यूनियनों ने पूरी ताकत झोंक दी है। एचएमएस, इंटक, एटक और सीटू ने हड़ताल को समर्थन दिया है, जबकि बीएमएस ने संयुक्त ट्रेड यूनियन के इस आंदोलन से दूरी बनाई है। एसईसीएल के सभी एरिया में कन्वेंशन के बाद अब यूनियन प्रमुख खदानों के बाहर गेट मीटिंग लेकर कोयला कर्मियों को हड़ताल के लिए एकजुट कर रहे हैं।
कोरबा एरिया में ट्रेड यूनियनों का कन्वेंशन आयोजित किया गया। इससे पहले हसदेव और चिरमिरी एरिया में भी कन्वेंशन हुए, जिनमें एचएमएस, इंटक, एटक और सीटू के पदाधिकारी शामिल हुए। कन्वेंशन में हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा की गई। इसके बाद गेट मीटिंग और मजदूर संपर्क अभियान के जरिए समर्थन मांगा जा रहा है। कोरबा एरिया में आयोजित कन्वेंशन को इंटक के गोपाल नारायण, एटक के अजय विश्वकर्मा, सीटू के वी.एम. मनोहर और एचएमएस के सुरेन्द्र मिश्रा ने संबोधित किया।
यूनियन नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के चार नए श्रम कानून मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करेंगे। यह हड़ताल कोयला कामगारों के भविष्य को तय करेगी। सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की उपेक्षा जैसे मुद्दों पर आंदोलन को सफल बनाना जरूरी है। कन्वेंशन में कुसमुंडा, दीपका, गेवरा और रायगढ़ क्षेत्र के यूनियन पदाधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में पहुंचने वाली भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने लिया निर्णय, बंद हो चुके पावर प्लांट परिसर किया गया चिन्हित हड़ताल के एक दिन पहले बाइक रैली निकाली जाएगी, एसईसीएल के खदान क्षेत्रों में हड़ताल के एक दिन पहले बाइक रैली निकाली जाएगी। इससे श्रमिकों को एकजुटता का संदेश दिया जाएगा। मजदूर संपर्क अभियान के साथ खदानों में गेट मीटिंग जारी है। संयुक्त श्रम संगठन के बैनर तले हड़ताल में चार श्रम कानूनों को रद्द करने की प्रमुख मांग के साथ अन्य मांगें भी शामिल हैं। इनमें महिला वीआरएस को फिर से शुरू करने, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने की योजना रद्द करने, कोयले के व्यवसायिक खनन को रोकने और मेडिकल अनफिट आश्रितों के नियोजन की मांग शामिल है।
