उप संचालक कृषि गरियाबंद ने बताया कि दरअसल राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने के कारण मौसम की अनिश्चितता और बढ़ती लागत किसानों के लिए चुनौती बनी रहती है। इस योजना का उद्देश्य कृषकों का उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीक में निवेश को प्रोत्साहित करना, फसल के कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस योजना के तहत खरीफ 2025 में दलहन, तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास जैसी फसलों की खेती करने वाले किसानों को 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की आदान सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही, पिछले खरीफ में धान की खेती कर समर्थन मूल्य पर बेचने वाले और अब अन्य खरीफ फसलों की खेती करने वाले पंजीकृत किसानों को 11 हजार रूपये प्रति एकड़ की सहायता मिलेगी। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा कृषि विभाग के विकासखण्डो में स्थित कार्यालयों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
